
राज्य में आपदा प्रबंधन तंत्र और अधिक सुदृढ होगा । 1.5 एकड़ में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का अत्याधुनिक भवन और स्टेट इमरजेंसी आॅपरेशन सेण्टर बनाया जाएगा: अनूप प्रधान, राजस्व राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश शासन
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गुरुवार को लखनऊ मेंं उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रस्तावित भवन का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया। राज्य सरकार द्वारा प्राधिकरण भवन हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण से 1.5 एकड़ भूमि कय करके उस पर 66 करोड़ 40 लाख रु० की लागत से 05 मंजिले भवन का निर्माण कराया जा रहा है। आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों से संबंधित प्रदेश सरकार की दो महत्वपूर्ण संस्थाएं, डायल-112 तथा उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के भवन आमने-सामने होने से किसी आपदा के दौरान राहत कार्य तत्परता से आरम्भ किये जा सकेंगे। इस भवन में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्मिकों के लिये कार्यालय के साथ-साथ अत्याधुनिक राज्य स्तरीय इमरजेन्सी आॅपरेशन सेन्टर राहत हेल्पलाइन कॉल सेन्टर, प्रशिक्षण सुविधाएं आदि भी अवस्थित होंगी। इस भवन को आपदा प्रबंधन हेतु भविष्य में आने वाली चुनौतियों के दृष्टिगत डिजाइन किया गया है।

भूमि पूजन व शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा उल्लेख किया गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में आपदाओं की विभीषिका कम करने हेतु अनेक सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य स्तरीय इमरजेन्सी आपरेशन सेन्टर (ईओसी) का सुदृढीकरण कर आपदा राहत कार्यों हेतु डेडीकेटेड टोल-फ्री हेल्पलाइन 1070 का 24७7 संचालन किया जा रहा है। रु0 6.37 करोड़ की धनराशि से जनपद स्तरीय इमरजेन्सी आॅपरेशन सेन्टर का सुदृढीकरण किया जा रहा है, अब तक 65 जनपदों में कार्य पूर्ण हो गया है, शेष 10 जनपदों में कार्य प्रक्रियाधीन है। आदित्यनाथ ने बताया कि आपदा प्रबंधन हेतु संस्थागत व्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु गत वर्ष प्रदेश के जनपदों में 01-01 आपदा विशेषज्ञ की तैनाती की गई है। उ०प्र० राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रदेश के नागरिकों को आपदा से बचाव हेतु जागरुक करने के लिए कई अभिनव परियोजनाएं जैसे मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम एवं समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन कार्यक्रम संचालित की जा रही हैं, जिनके अंतर्गत फेज-1 में 02 लाख से अधिक छात्र – छात्राओं व 8000 से अधिक अध्यापकों का आपदा से बचाव हेतु प्रशिक्षण कराया गया है, तथा 3750 विद्यालयों की आपदा प्रबंधन योजना तैयार कर आपदाओं से निपटने हेतु मॉक ड्रिल भी कराया गया है। मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम तथा समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन परियोजनाओं का द्वितीय फेज भी आरम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी आपदा के घटित होने पर फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में स्थानीय समुदाय के लोग सर्वप्रथम आगे आते हैं. इस हेतु प्रदेश में समुदाय के चिन्हित उत्साही युवाओं को आपदा मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है व इन्हें जीवनरक्षा उपकरण किट उपलब्ध कराई जा रही है अब तक 10200 आपदा मित्रों के लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश के 25 जनपदों के 7000 आपदा मित्रों को प्रशिक्षित व किट से लैस किया जा चुका है, शेष 3200 आपदा मित्रों का प्रशिक्षण चलाया जा रहा है। वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में उ0प्र0 नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति लागू की गई, जिसके अंतर्गत प्रथम फेज में प्रदेश के 872 गोताखोरों एवं 5123 नाविकों को रु० 11 करोड़ 5 लाख की लागत से सुरक्षा किटें उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि प्रदेश में डूबने तथा नाव दुर्घटना से होने वाली जनहानियों को रोका जा सके। राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान ने बताया कि अधिक से अधिक आपदा पीड़ितों को राहत फण्ड से आच्छादित किया जा सके इसलिए गत 05 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कई दुर्घटनाओं को राज्य आपदा के रूप में अधिसूचित किया गया है जैसे- नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई एवं गैस रिसाव बोरवेल में गिरना, मानव वन्यजीव द्वन्द, डूबना तथा सांड व नीलगाय के आघात से होने वाली मृत्यु ।
प्रधान ने कहा कि प्रदेश में राजस्व विभाग द्वारा राहत वितरण हेतु हाल ही में लागू किया गया आॅनलाइन राहत वितरण मॉड्यूल एक उल्लेखनीय प्रयास है, जिसके माध्यम से आपदा पीड़ितों को बिना विलम्ब के तत्काल राहत प्रदान की जाती है। प्रदेश में आपदाओं की विभीषिका कम करने हेतु मुख्य सचिव उ०प्र० की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारिणी समिति द्वारा मई, 2023 में प्रथम बार रू0 305.66 करोड़ की लागत से विभिन्न आपदा न्यूनीकरण परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं, जिनका विवरण निम्नवत है। वर्तमान में पूरे प्रदेश में मौसम विभाग के मात्र 68 एडब्ल्यूएस तथा 132 एआरजी लगे हैं, जो कि मौसम संबंधी जानकारियों के लिए अपर्याप्त हैं, अत: प्रदेश में मौसम य पूर्व चेतावनी संबंधी तंत्र को सुदृढ़ करने हेतु राज्य सरकार द्वारा मौसम विभाग के तकनीकि सहयोग से प्रदेश में 05 डॉप्लर रडार, 450 आॅटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा 2000 आॅटोमेटिक रेनगेज स्थापित करने संबंधी रू0 142.16 करोड़ की न्यूनीकरण परियोजना । प्रदेश में अग्निकाण्ड से होने वाली जनहानियों को रोकने हेतु अग्निशमन संबंधी अत्याधुनिक उपकरणों के कय के लिए अग्निशमन विभाग हेतु रु0 96.00 करोड़ की न्यूनीकरण परियोजना । अयोध्या जनपद में सरयू नदी के घाटों में डूबने व नाव दुर्घटनाओं को रोकने हेतु रु० 6.16 करोड़ की न्यूनीकरण परियोजना • आपदा से होने वाली जनहानियों को न्यूनीकृत करने हेतु सामुदायिक वालण्टियर्स के रूप में युवा मंगल दल व पी०आर०डी० के जवानों के प्रशिक्षण व उपकरणों से लैस करने के लिए युवा कल्याण विभाग हेतु रु० 9.46 करोड़ की न्यूनीकरण परियोजना । उन्होंने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का भवन बन जाने से प्रदेश में आपदा प्रबंधन व आपदा न्यूनीकरण कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति होगी तथा आपदा से होने वाली जन-धन हानियों को रोका जा सकेगा। भूमि पूजन व शिलान्यास के दौरान वज्रपात सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित उपकरण का प्रदर्शन व राज्य आपदा प्रबंधन योजना, विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु तैयार शार्ट फिल्म, जागरुकता कार्यक्रम हेतु तैयार रेडियो जिंगल्स का विमोचन किया गया। कार्यकम में आपदाओं के दौरान उत्कृष्ट खोज एवं बचाव कार्य करने वाले एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के अधिकारियों / जवानों को मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
sudha jaiswal