निकाय चुनाव के लिए आज मंगलवार से पर्चा भरा जाएगा

लखनऊ। प्रदेश में निकाय चुनाव दो चरणों में होने हैं। लखनऊ जनपद में प्रथम चरण के तहत चार मई को मतदान होना निश्चित किया गया है। चुनाव आयुक्त ने जनता से वादा जरुर किया है कि निष्पक्ष चुनाव होंगे, किसी भी नेता का चाहे कितना प्रभावशाली क्यों न हो आचार संहिता के तहत बेअसर साबित रहेगा। आयुक्त साहब का यह वादा कितना असरदार साबित होगा यह तो आने वाला समय बताएगा। लखनऊ में निकाय चुनाव के लिए आज मंगलवार से पर्चा भरा जाएगा। इसको लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं।

डीएम सूर्य पाल गंगवार ने नगर निगम समेत सभी केंद्र का दौरा किया। उन्होंने तैयारियों को लेकर एक दिन पहले से अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है। जहां से फॉर्म मिलने हैं। सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक मेयर और पार्षद पद के लिए फॉर्म दिए जाएंगे। वहीं आगामी 4 मई को होने वाले नगर पंचायत के चुनाव को देखते हुए डीसीपी दक्षिणी विनीत जयसवाल ने मोहनलालगंज कमिश्नरेट के मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान एसीपी मोहनलालगंज राजकुमार सिंह इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे समेत काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रहा।
नगर निगम लखनऊ में पार्षद पद के टिकट को लेकर सभी दलों में मारामारी चल रही है। चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए दावेदारों में होड़ लगी हुई है। साथ ही भाजपा सहित अन्य दलों से दर्जनों लोग भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं। आप को बता दें कि तहसील में नगर पंचायत गोसाईगंज , अमेठी मोहनलालगंज ,और नगराम नगर पंचायत के चेयरमैन व सभासदों के नामांकन फार्म सहायक निर्वाचन अधिकारियों के पास मिलेंगे जिन्हें भरकर संबंधित नगर पंचायत के निर्धारित कक्षा में सहायक निर्वाचन अधिकारियों के पास उम्मीदवारों को जमा करना होगा

नामांकन फार्म खरीदने व भरकर जमा करने की यह प्रक्रिया 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। नामांकन फार्म खरीदने व जमा करने में सुरक्षा की दृष्टि से तहसील परिसर व उसके आसपास 100 मीटर की परिधि में पर्याप्त पुलिस व पीएसी बल तथा फायर ब्रिगेड व पेयजल के लिए टैंकरों की व्यवस्था की गई है। आप को बता दें कि 88 गांव के लोग पहली बार चुनेंगे शहर की सरकार। लखनऊ नगर निगम का सालाना का बजट लगभग1700 करोड़ रुपए का है। इसमें करीब 530 करोड़ रुपए से सड़क बनवाई जाती हैं। पार्षद का कोटा एक साल का 1 करोड़ 15 लाख रुपए का होता है। उसके अलावा 18 करोड़ का एक कोटा होता है, जिसको नगर आयुक्त और मेयर मिलकर खर्च करते हैं। संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल में यह कोटा उनके द्वारा खर्च किया जाता रहा। इस चुनाव में 88 गांव नगर निगम की सीमा में आ चुके हैं। ऐसे में इन 88 गांव के ग्रामीण अब शहरी वोटर बन चुके हैं।
वही इसके अलावा भी इन वार्डो से दलीय व निर्दलीय के रूप में तमाम प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में है। सभी अपनी जीत का दावा कर रहे है। राजनीति में उंट किस करवट बैठेगा इसका दावा हम नहीं कर रहे हैं।
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sudha jaiswal