लखीमपुर। शिवरात्री पर जिले के मन्दिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 4 बजे से शिव मन्दिरों के कपाट खोल दिये गये। मन्दिरों में जैसे ही कपाट खुला, हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगे। शिव भक्तों की लम्बी लाइन लग गयी। मन्दिर परिसर के चारों ओर मिष्ठान, पूजा सामाग्री की दुकानों पर भीड़ नजर आयी। लखीमपुर में शिवरात्रि को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।शिवरात्रि से एक दिन पहले ही जिले में रौनक छा जाती है। जिले में कई प्रसिद्ध स्थान हैं, जहां पर शिवरात्री के दौरान काफी भीड़ रहती है। इनमें लिलौटीनाथ मन्दिर, देवकली तीर्थ, ओयल में मेढक मन्दिर, बेहजम में गौरी शंकर मंदिर, जिले में गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी, निघासन में हनुमान गढ़ी मंदिर, भीरा-पलिया स्टेट हाइवे पर सांई धाम मन्दिर के निकट लखपेड़ा बाग में 12 ज्योतिर्लिंग, भुइफोरवानाथ मंदिर और जंगली नाथ मंदिर आदि हैं।

इनमें भुइफोरवानाथ मन्दिर का अपना अलग स्थान है।लखीमपुर शहर का भुईफोरवानाथ मंदिर शिव आराधना का बड़ा केंद्र है। यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर के महंत ने बताया कि यहां बहुत पहले घनघोर जंगल हुआ करता था। यहां टीले पर कुछ लोगों ने एक शिवलिंग देखा। इसके बाद महेवा स्टेट ने यहां पर खुदाई कराई तो भव्य शिवलिंग निकला। इसके बाद यहां भगवान शिव का भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। यहां शिव के चांदी का अरघा और शिव परिवार की मूर्तियों की स्थापना कराकर प्राण प्रतिष्ठा कराई। बाद में मंदिर के पुजारी को नियुक्त किया गया। इसके बाद मंदिर की ख्याति बढ़ती गई।
sudha jaiswal