ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने का दिया आश्वासन
विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करें, विद्युत व्यवधान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं: एके शर्मा
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की भांति विद्युत कर्मियों को भी कैसलेस इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है। कार्मिकों की एसीपी की विसंगतियां दूर हों तथा सभी संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता बने, इसके लिए भी प्रयास किये जायेंगे। विद्युत कर्मियों की दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु पर उनकी क्षतिपूर्ति को 5 लाख रुपये से बढ़ाने पर विचार किया जायेगा। विद्युत कर्मियों को भी बीमा का लाभ मिले इन सभी मामलों पर विचार करके एवं आपसी संवाद से कार्मिकों के हित में निर्णय लिया जायेगा। कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ 3 दिसम्बर, 2022 को हुए समझौते के कुछ बिन्दुओं को पूरी तरह से लागू करना संभव नहीं होगा। उन्होंने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये परिश्रम की सराहना की और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाइयां 8 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रहीं। विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी। राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शनिवार को डालीबाग के गन्ना संस्थान में आयोजित उप्र विद्युत मजदूर पंचायत के 24वें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने विद्युत कर्मचारियों को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताया।

कहा कि परिवार के उत्सव में परिवार के मुखिया के रूप में ऊर्जा मंत्री का शामिल होना जरूरी रहा। उन्होंने सभी विद्युत कर्मी को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताते हुए, आपसी संवाद से समस्याओं का निदान करने की बात कही और कहा कि सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करेंगे। विद्युत कर्मियों की जायज एवं सार्थक मांगों पर सरकार विचार करेगी और उनके कार्यों से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलेगा। इस दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय एवं प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णयों के आधार पर ही हड़ताल के दौरान चिन्हित किये गये विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कोई भी विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करे और जनजीवन को प्रभावित न होने दे। विद्युत व्यवधान करके जनता को बेवजह परेशान करना महापाप है। ऐसा घोर पाप न करें। विद्युत आपूर्ति जीवन का आधार बन गई है एवं हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। विद्युत व्यवधान किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने विद्युत कर्मियों के हड़ताल के दौरान उत्पन्न परिस्थितियों एवं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए कहा कि जिस डाल पर बैठे हो, उसी डाल को कटोगे, तो कभी भी सुखी नहीं रहोगे।
सम्मेलन में मुख्य अभियन्ता हाईडिल एके श्रीवास्तव, विद्युत मजदूर पंचायत के अध्यक्ष बीसी उपाध्याय, महामंत्री गिरीश कुमार पाण्डेय, राजनारायाण सिंह, पीएन तिवारी, नरेश चन्द्र शर्मा, निर्भय नारायण, डॉ0 आरबी सिंह, हिन्द मजदूर संघ के महामंत्री उमाशंकर मिश्र, विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष राजीव सिंह सहित प्रदेश भर से आये संगठन के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
sudha jaiswal