लखनऊ। खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। खेलों से न केवल स्वास्थ्य सही रहता है बल्कि हमारे जीवन में उत्साह एवं ऊर्जा का संचार भी होता है इसलिए हमेशा खेल होते रहने चाहिए। इस भावना को ध्यान में रखते हुए श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय देवा रोड, लखनऊ में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय वार्षिक खेल कुंभ उल्लास 2023 का आरंभ हो गया है। श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय देवा रोड, लखनऊ को विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक एवं खेल गतिविधियों के लिए जाना जाता है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए बृहस्पतिवार 16 मार्च को विश्वविद्यालय परिसर में एक तीन दिवसीय वार्षिक खेल कुंभ उल्लास 2023 का आरंभ हो गया है। 18 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम में न केवल श्रीराम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय बल्कि लखनऊ और लखनऊ से बाहर के भी विभिन्न शिक्षण संस्थानों विद्यार्थियों ने अलग-अलग 14 प्रकार के खेलों में अपने जौहर दिखाए। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लक्ष्मण अवार्डी पूर्व क्रिकेटर रविकांत मिश्रा और विशिष्ट अतिथि सनराइजर्स हैदराबाद आईपीएल की टीम के खिलाड़ी उपेंद्र यादव थे। इस खेल कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष मुख्य अतिथि रविकांत मिश्रा और विशिष्ट अतिथि उपेंद्र यादव के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।

उद्घाटन अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की प्रतिकुलाधिपति इंजीनियर पूजा अग्रवाल ने कहा कि भारत में खेलों का उदय चार हजार वर्ष पूर्व हुआ। भारत पर अनेक विदेशी आक्रमणकारियों ने आक्रमण किए लेकिन खेलों की परम्परा अनवरत आदि काल से चलती रही। इस मौके पर प्रतिकुलाधिपति ने मौजूदा खेल सांप-सीढ़ी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस खेल का प्राचीन नाम मोक्षपट्म था जो कि ऋषि ज्ञानदेव द्वारा इजाद किया गया। सांप-सीढ़ी का यह खेल भारतीय दर्शन को प्रस्तुत करता है। जिस तरह से इस खेल में सीढ़ियां जीवन में आगे बढ़ने और सांप पिछड़ने का प्रतीक है उसी तरह से जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहने के बावजूद भी हमें जीवन में आगे ही बढ़ना चाहिए।

इस अवसर पर बोलते हुए कुलाधिपति इंजीनियर पंकज अग्रवाल ने कहा कि खेलों से हमें सीख मिलती है कि जीवन में खेलों की तरह ही हार-जीत का सामना करते हुए हमेशा आगे बढ़ना चाहिए। खेल हमारे स्वास्थ्य को तंदुरूस्त बनाते हैं इसलिए खेल हमारे जीवन में रोजमर्रा का हिस्सा होने चाहिए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उपेंद्र यादव ने खेलों की निरंतरता बनाएं रखने पर बल दिया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलापति प्रोफेसर (डॉ.) देवेन्द्र कुमार शर्मा ने भी समारोह को संबोधित किया।
इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. निधि शुक्ला, डॉ. सुनील कुमार सिंह और खेल अधिकारी किशन शर्मा थे। इस मौके पर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार नीरजा जिंदल और दूसरे शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद थे।
sudha jaiswal