लखनऊ। देश में हर चौथे दिन एक कार्डियोवैस्कुलर डिसीसिस (सीवीडी) से मौत होती है। प्लोस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि उप्र. में भी सीवीडी रोगियों की संख्या कम नहीं है। यहां 30-74 वर्ष आयु वर्ग व18 वर्षीय लोगों में सीवीडी का खतरा है। हेल्थ एटीएम में उपलब्ध जांच की सुविधा से लोगों को गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है।
यह जानकारी बुधवार को एक निजी होटल में केजीएमयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.ऋषि सेठी ने बताया कि सीवीडी के बढ़ते मामले प्रदेश सरकार के लिए चुनौती है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक डिजिटल स्वास्थ्य और चिकित्सा उपकरण स्टार्ट-अप इंडिया हेल्थ लिंक के साथ समझौता घोषणा (एमओयू) किया है। उन्होंने बताया कि यूपी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था देश के बाकी हिस्से और विदेशी मॉडल पर तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि अपने यहां बीमार या किसी प्रकार की शरीरिक दिक्कतें होने पर ही लोग अस्पताल जाते हैं। इन एटीएम में जांच कराने से लोगों को शुरूआत में ही बीमारी का पता चल सकेगा और बीमारी गंभीर नहीं होगी। इंडिया हेल्थ लिंक (आईएचएल) के संस्थापक और सीईओ डॉ. सत्येंद्र गोयल ने बताया कि यूपी में येडा मेडटेक पार्क में एटीएम मशीनें प्रदेश में स्थापित होनी है। इंवेस्टर्स समिट में कंपनी द्वारा प्रस्तुति करण भी दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि हेल्थ एटीएम सही समय पर शुरू हुआ है । इससे स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाने में भी सहायता मिलेगी।