उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने वाराणसी में ADM (प्रोटोकॉल) प्रकाश चन्द्र पर ₹25,000 का अर्थदंड लगाया है और इससे संबंधित नोटिस जारी की है। मामला रायबरेली का है, जब प्रकाश चन्द्र वहां नगर मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थे। ADM ने आयोग में अपील करते हुए अर्थदंड के आदेश को वापस लेने की मांग की है।
चार साल पहले सिटी मजिस्ट्रेट थे ADM
प्रकाश चन्द्र चार साल पहले रायबरेली में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर थे और उनके पास जन सूचना अधिकारी का प्रभार भी था। रायबरेली के निवासी लाखन सिंह ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत कुछ जानकारी मांगी थी। इस मामले की दो बार सुनवाई के बाद राज्य सूचना आयोग ने 7 दिसंबर 2023 को आदेश पारित करते हुए तत्कालीन जन सूचना अधिकारी को ₹25,000 का अर्थदंड उनके वेतन से वसूलने को कहा।
नोटिस मिलने में देरी
ADM (प्रोटोकॉल) ने आयोग के रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में अर्थदंड से राहत की अपील की है। उन्होंने बताया कि यह नोटिस उन्हें 29 नवंबर 2024 को प्राप्त हुई, जबकि संबंधित प्रकरण में आवेदक को वांछित जानकारी पहले ही 2022 में उपलब्ध कराई जा चुकी थी।
ड्यूटी का दिया हवाला
ADM ने अपने जवाब में बताया कि लाखन सिंह बनाम जन सूचना अधिकारी मामले की सुनवाई के दौरान उनका स्थानांतरण वाराणसी हो गया था। 17 फरवरी 2023 को आयोग के समक्ष सुनवाई के समय वह ड्यूटी के कारण उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन उनके प्रतिनिधि के रूप में वाराणसी के लेखपाल पेश हुए थे। इसके पहले ही तहसीलदार रायबरेली के माध्यम से आवेदक को सूचना दी जा चुकी थी।
Highlights
ADM ने पत्र में सूचना के अधिकार 2015 के नियम 12 क का हवाला देते हुए अर्थदंड के आदेश को वापस लेने की अपील की है।