वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार का 9 साल देशवासियों (9 years of Central Government) के लिये बेमिसाल रहा। इस दौरान जहाँ देश आर्थिक रूप से दुनिया की पाचवीं अर्थव्यवस्था बना है, वही सामरिक रूप से भी मजबूत हुआ है। आज पूरे विश्व में भारत की अपनी अलग पहचान बनी हैं। उक्त्त बातें पूर्व मंत्री व विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने कही।
मंगलवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने केन्द्र सरकार 9 साल उपलब्धियों (9 years of Central Government) को गिनाया। उन्होंने बताया कि शहर दक्षिणी में 9 वर्षाे में अब तक 4000 करोड़ से अधिक धनराशि का विकास व निर्माण कार्य हुआ है। 2014 से पहले एक भी एसटीपी क्रियाशील नही रहा। इन 9 वर्षों में बड़े 3 एसटीपी क्रियाशील हैं। गंगा में अब गंदा पानी नही जाता हैं। गोदौलिया-नईसड़क मार्ग र्भ्ष्टाचार का केंद्र रहा।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 वर्षाे के कार्यकाल (9 years of Central Government) में वाराणसी, विशेषकर वाराणसी शहर दक्षिणी में हुए विकास कार्यों को बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की अनुकंपा से अब पुरानी काशी के सड़कों पर बिजली के तार लटकते हुए नहीं दिखाई देते हैं। आईपीडीएस, योजना के तहत सभी तारों को अंडरग्राउंड किया जा चुका है। काशी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी है। विश्व के सभी संस्कृतियों का संगम यहां पर सामान्य क्रम में देखने को मिलता है। यह एक ऐसा शहर है जहां अन्य देशों के लोग ज्ञान अर्जन के भाव को लेकर के आते हैं और यहीं के होकर के रह जाते हैं। इसलिए इसे लघु भारत भी कहा जा सकता है।

उनहोंने कहा कि वह काशी जिसे वैश्विक स्तर पर पुरातन काशी संस्कृतियों का संगम के रूप में जाना जाता है। उसके ज्यादातर हिस्से दक्षिण विधानसभा (9 years of Central Government) में शामिल ह। बाबा विश्वनाथ का दिव्य धाम, माता अन्नपूर्णा, काल भैरव, महामृत्युंजय मंदिर, बड़ा गणेश मंदिर, मां संकटा का मंदिर, दुर्गा कुंड मंदिर बनकटी हनुमान मंदिर इसी विधानसभा में स्थित है।
9 years of Central Government : 2014 के बाद शुरू हुए कार्य आज नजर आ रहे मूर्त रूप में
विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने प्रेस वार्ता में आगे कहा कि दक्षिण विधानसभा पूर्वांचल का व्यवसायिक केंद्र (9 years of Central Government) भी है। यहां पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी ,पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी, सराफा मंडी, गल्ला मंडी के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ियों का भी प्रमुख केंद्र इसी विधानसभा में है। प्रधानमंत्री ने इन सभी विषयों को दृष्टिगत रखते हुए विकास की योजनाओं पर काम प्रारंभ किया और 2014 के बाद यह कार्य शुरू हुए (9 years of Central Government) जो आज मूर्त रूप में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से पूर्ण होते दिख रहे है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने के पूर्व एवं 2017 में उत्तर प्रदेश की सरकार बनने के पहले (9 years of Central Government) काशी की मूल समस्या बिजली पानी सीवर की होती थी और इसी को लेकर के विभिन्न राजनीतिक दल आंदोलन किया करते थे और इन सभी समस्याओं की जड़ कहीं न कहीं दक्षिणी विधानसभा से शुरू होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री के आने के बाद आज इस विधानसभा हेतु गौरव का विषय है।
बिजली की समस्या दूर हो चुकी है, पानी की समस्या अब नहीं रही, सीवर की समस्या को जड़ से खत्म करने को लेकर शाही नाले की सफाई का कार्य किया जा चूका है, बहुत पुरानी मांग थी कोनिया घाट के पुल की, कज्जाकपुरा के ओवर ब्रिज की, पार्किंग की जिसे पिछली सरकारों ने नकार दिया था लेकिन माननीय प्रधानमंत्री जी के इन्ही 9 वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज कोनिया घाट का पुल का कार्य पूर्ण हो चुका है।
कज्जाकपुरा का ओवर ब्रिज बन रहा है, काशी में अंडर ग्राउंड पार्किंग का भी कार्य जिसमें टाउन हॉल एवं बेनियाबाग अंडर ग्राउंड पार्किंग बना है तथा तांगा स्टैंड पार्किंग भी बन जा चुका है और उसका लाभ अब लोगों को प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने बताया कि दक्षिणी विधानसभा (9 years of Central Government) में ही संगीत घरानों के ज्यादातर परिवार रहते हैं और एक साथ पिपलानी कटरा क्षेत्र में निवास करते हैं, घरानों की प्रतिष्ठा को विश्व में बताने और दिखाने के लिए हेरिटेज वॉक का निर्माण किया गया, विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट यहां पर लाखों श्रद्धालु मां गंगा के आचमन और स्नान के लिए आते रहते हैं लेकिन मां गंगा के इस घाट के ठीक ऊपर दशकों से अर्ध निर्मित बीडीए कांप्लेक्स का भाग गंदगी का ढेर बना हुआ था।

साथ ही साथ अव्यवस्थित मछली मार्केट भी यहां पर था, प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में वीडीए काम्प्लेक्स पूर्णहो चूका है साथ ही साथ मछली मार्केट के व्यापारियों को अच्छी दुकानें दे कर के दूसरे जगह बसाने का भी काम किया गया है।
आज गोदौलिया से दशाश्वमेध को जाने वाली सड़क पर्यटकों की खासी रुचि का स्थल बन चुका है, इसे गौरव पथ के नाम से जाना जा रहा है। गोदौलिया से मैदागिन तक की सड़क एक नई तकनीकी से बनाई जा चुकी है जिसने दशकों तक की इस सड़क की समस्या को समाप्त कर दिया है।