लखनऊ। वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा देने स्थानीय व स्वदेशी उत्पादों के लिए एक बाजार प्रदान करने तथा समाज के वंचितों वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर जुटाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट, ओएसओपी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर ओएसओपी केन्द्रों को स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने, बेचने और उच्च दृश्यता प्रदान करने के लिए आवंटित किया जाता है।

वन स्टेशन वन प्रोडक्ट स्थान विशेष के विशिष्ट उत्पादों के लिए केन्द्रित हैं। इसमें स्वदेशी जनजातियों की बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, विश्व प्रसिद्ध लकड़ी की नक्काशी जैसे हस्तशिल्प, कपड़े पर चिकनकारी और जरी व जरदोजी का काम, मसाले, चाय, कॉफी और अन्य संसाधित, अर्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाये गये उत्पाद शामिल हैं। इस योजना के तहत उत्पाद श्रेणियों में हस्तशिल्प, कलाकृतियां, कपड़ा और हथकरघा, पारंपरिक वस्त्र, स्थानीय कृषि उत्पाद बाजरा सहित प्रसंस्कृत व अर्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ शामिल हैं। इस अवधारणा का उद्देश्य रेलवे स्टेशन पर स्थानीय स्वदेशी उत्पादों को लोकप्रिय बनाना है ताकि यात्रियों को भारत की समृद्ध विरासत का अनुभव करने का अवसर मिल सके और समाज के वंचित वर्ग के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा किये जा सकें। ओएसओपी आउटलेट वाले स्टेशनों में लखनऊ जंक्शन, लखनऊ, बादशाहनगर, आगरा कैंट, अयोध्या, बालामऊ, बलिया, बनारस, बाराबंकी, बरेली सिटी, बरेली, गाजियाबाद, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, कानपुर, अनवरगंज, कानपुर सेंट्रल, लखीमपुर, मथुरा जंक्शन, मेरठ शहर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, प्रयागराज, प्रयागराज जंक्शन, पं.दीन दयाल उपाध्याय, शाहजहांपुर, सीतापुर, वाराणसी, वाराणसी शहर, वीरांगना लक्ष्मी बाई झांसी, अयोध्या कैंट, चित्रकूट, रायबरेली समेत अन्य स्टेशन शामिल हैं।
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