प्रति वर्ष 58 लाख यूनिट बिजली की होती है बचत
लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे निरन्तर सुनियोजित योजना बनाकर बड़े पैमाने पर ऊर्जा संरक्षण का कार्य कर रहा है, जिसके अपेक्षित परिणाम मिल रहे हैं। परम्परागत ऊर्जा के उत्पादन की सीमा, उसके उपयोग पर होने वाले अत्यधिक व्यय तथा पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखकर पूर्वोत्तर रेलवे पर ऊर्जा के अन्य माध्यमों का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है तथा पूर्वोत्तर रेलवे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में निरन्तर सजगतापूर्ण प्रयास कर रहा है।
यह जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि परम्परागत ऊर्जा पर निर्भरता कम करने की दिशा में उठाये गये प्रयासों के तहत पूर्वोत्तर रेलवे पर ऊर्जा दक्ष एलईडी (प्रकाश उत्सर्जक डायोड) लाइटों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत 389 स्टेशनों पर शत-प्रतिशत एलईडी लाइट लगाई जा चुकी हैं। इसी प्रकार इस रेलवे के 393 सर्विस बिल्डिंगों में एलईडी लाइट का प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे पर 20,736 आवंटित रेल आवासों में भी शत-प्रतिशत एलईडी लाइट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर रेलवे ऊर्जा बचत के लिये अनेक प्रभावी कदम उठा रहा है, जिसके तहत परम्परागत लाइट फिटिंग्स को बदल कर रेलवे कालोनियों में शत-प्रतिशत एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था से प्रत्येक वर्ष 14.53 लाख यूनिट बिजली तथा स्टेशनों एवं सर्विस बिल्डिंगों में शत-प्रतिशत एलईडी लाइटिंग की व्यवस्था से 43.57 लाख यूनिट बिजली की बचत हुई जिसके फलस्वरूप कुल 58 लाख यूनिट बिजली की बचत सुनिश्चित हुई है जिससे कुल 4.5 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई।
sudha jaiswal