बीसी सखी मिनी सचिवालयों में बैठेंगी: सीएम योगी

कोरोना काल में हुई थी बीसी सखी का शुभारंभ
बीसी सखी को दी गई मोबाइल में इंटरनेट चलाने की ट्रेनिंग
लखनऊ। राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुरुवार को बीसी सखी राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने जनधन योजना की शुरूआत की थी। डीबीटी के जरिए 3.2 लाख करोड़ लोगों के खाते में पहुंचा है।

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में प्रयागराज से बीसी सखी के कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ था। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब सचिवालय केवल लखनऊ में ही नहीं होगा। हर गांव में एक सचिवालय होगा। वहां पर बीसी सखी के बैठने की व्यवस्था की गई है। ग्राम पंचायत से पंचायती राज से या किसी भी विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण कागज पंचायत में ही बनेंगे। 56000 से भी ज्यादा ग्राम पंचायतों में बैंकिंग लेनदेन की कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। पिछले 6 सालों के अंदर लगभग 5400000 गरीबों को 11 आवास की सुविधा मिली है। यह सुशासन का सबसे बड़ा लक्ष्य है। प्रदेश के 5000 ग्राम पंचायतों में महिलाओं के बीच डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढावा देने के लिए नेशनल कॉन्क्लेव समर्थ एप को लांच किया गया। दरअसल बैंक संबंधी कामकाज के लिए गांव वालों को ज्यादा परेशानी होती थी। इससे छुटकारा के लिए बीसी सखी उनकी मदद करेंगी। सरकारी पेंशन हो या अन्य कोई काम गांव में ही आसानी से कर सकेंगी। ग्रामीणों को विशेष रुप से ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग सुविधाओं में आसानी हो सके इसलिए सरकार ने हर गांव में बिजनेस कॉरस्पॉडेंट सखी कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम के तहत एक गांव में एक महिला को बीसी सखी को 6 दिवसीय प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाएगा।
sudha jaiswal