- हरहुआ विकास खंड में वाजिदपुर के ग्रामीणों से सभा कर लिया फैसला
- गांववालों के इस क्रांतिकारी निर्णय को अन्य ग्राम प्रधानों का मिला समर्थन
इरफ़ान हाशमी
Varanasi: काशी परम्पराओं का शहर कहा जाता है। यहां (Varanasi) सैकड़ों जीवंत परंपराएं हैं। इन्हीं परम्पराओं में से एक है – ‘किसी की मृत्यु पर ‘तेरहवीं भोज’ का आयोजन। हरहुआ ब्लॉक में वाजिदपुर के ग्रामीणों ने युगों से अबतक चली आ रही एक प्रथा को खत्म करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया है। गांव में किसी की मौत होने पर लोग उसकी तेरहवीं का आयोजन नहीं करेंगे। इस प्रथा पर खर्च होने वाली धनराशि से गरीब परिवारों की मदद की जाएगी। मृतक की याद में पौधे रोपेंगे। उस पौधे की देखभाल परिवार के माता-पिता की तरह करेंगे। ग्रामीणों के इस फैसले का अन्य कई गांव के लोगों को समर्थन करते हुए तेरहवीं की कुप्रथा समाप्त करने का मन बनाया है।
वाजिदपुर पंचायत भवन (Varanasi) पर बुधवार की सुबह में ग्राम प्रधान और विकास खंड के प्रधान संघ अध्यक्ष लालमन यादव एवं उनके छोटे भाई तथा हरहुआ सेक्टर नंबर-2 से जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव ने सभा बुलायी। उसमें लालमन ने कहा कि गांव में अब किसी भी व्यक्ति का देहावसान होने पर उसकी तेरहवीं का आयोजन नहीं करेंगे। साथ ही मृतक को विभिन्न घरों से दिया जाना वाला कफन भी नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि किसी की मृत्यु की दुखद घड़ी में इस तरह का आयोजन अच्छा नहीं है। इसके अलावा पास-पड़ोस व अन्य घरों से मृतक को दिया जाने वाला कफन भी मात्र कुछ ही समय के लिए होता है, उसके बाद वह चिता की आग में जल जाता है। ग्रामीणों ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि तेरहवीं के बजाय पौधरोपण और गरीब बच्चों की मदद करेंगे।
ग्रामीणों ने फैसला किया कि तेरहवीं में खर्च होने वाली धनराशि गांव में एक कमेटी बनाकर जमा किया जाएगा। आवश्यकतानुसार गांव (Varanasi) के गरीब परिवारों को उसी पैसे से सहायक की जाएगी। गरीब परिवार की बेटियों की शादी समेत निर्धन विद्यार्थियों की पढ़ाई में भी वह पैसा काम आएगा। सार्वजनिक रुप से इस बारे में निर्णय लेने के बाद कमेटी वह धनराशि खर्च करेगी ताकि किसी को कोई आपत्ति न हो।
वाजिदपुर (Varanasi) के ग्रामीणों के इस निर्णय की ब्लॉक के चक्का ग्राम प्रधान मधुबन यादव, हरहुआ ग्राम प्रधान अनवर हाशमी, औरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय पटेल, कोईराजपुर ग्राम प्रधान मोदी यादव, आयर ग्राम प्रधान सूर्य प्रकाश, अटेसुआ ग्राम प्रधान मटरू, चमाव ग्राम प्रधान मुकेश पटेल आदि ने सराहना की।

Varanasi: माता-पिता की तरह करेंगे पौधे की सेवा
सभा में जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव ने प्रस्ताव रखा कि तेरहवीं के दिन ही गांव में एक शोकसभा करने के बाद किसी सार्वजनिक स्थान पर या मृतक की जमीन पर, उसके जितने पुत्र होंगे, वह एक-एक पौधा रोपेंगे। पौधों को माता-पिता मानते हुए बेटे उन पौधों की देखभाल सेवाभाव के साथ करेंगे। ऐसे में वह पौधे माता-पिता के रूप में हमेशा सभी के बीच रहेंगे और आने वाली पीढ़ियां उन्हें याद रखेंगी। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण व पौधारोपण अभियान को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही गांव का वातावरण शुद्ध होगा और लोग उससे लाभांवित भी होंगे।
Varanasi: फैसला न मानने वालों का होगा बहिष्कार
वाजिदपुर में बुधवार को हुई अनूठी एवं सराहनीय सभा में ग्रामीणों ने तेरहवीं करने वालों का बहिष्कार करने का भी निर्णय किया। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मराज यादव ने कहा कि इस फैसले से सभी सहमत हैं। तेरहवीं का आयोजन न करने के बारे में सार्वजनिक सहमति के बाद भी यदि कोई ग्रामीण इसकी अनदेखी कर अपने यहां तेरहवीं का आयोजन करेगा तो उसका सामूहिक बहिष्कार होगा। अन्य गांवों में भी यदि किसी के घर तेरहवीं कार्यक्रम होगा तो वहां वाजिदपुर के ग्रामीण शामिल नहीं होंगे।