गाजीपुर। माफिया मुख़्तार अंसारी (Mukhtar Row) की माफियागिरी समाप्त हो चुकी है। वह अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके अलावा मुख़्तार व गुर्गों के चल व अचल सम्पत्तियों की भी जांच चल रही है। कुल मिलकर देखा जाय, तो शासन मुख़्तार का किला पूरी तरह से ढहाने की तैयारी कर ली है।
इसी बीच मुख़्तार के खास सहयोगी (Mukhtar Row) गणेशदत्त मिश्रा का नाम चर्चा में आ गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि गणेशदत्त मिश्र की प्रशासन के ओर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बीते 11 मई को पुलिस ने मिश्रा के कपूरपुर स्थित दो भूखंडों को लखनऊ की इनकम टैक्स की इकाई ने कुर्क किया था। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे मई माह में नोटिस भी भेजा था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। ऐसे में इनकम टैक्स के अधिकारियों ने अफसरों ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया। वहीं 20 जून को शहर कोतवाली की पुलिस उसे गिरफ्तार कर लखनऊ के लिए रवाना हो गई।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी ने कई बेनामी संपत्तियां गणेशदत्त मिश्रा (Mukhtar Row) के नाम से खरीदी थी। जिसपर शासन ने अपनी पैनी नजर जमा रखी है। मुख़्तार की जो संपत्ति गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदी गई थी, उसे बीते मई माह में पुलिस ने कुर्क कर दिया। कपूरपारो में जिन दो भूखंडों को कुर्क किया गया, उसकी कीमत 12 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस मामले में पूछताछ के लिए कई बार इनकम टैक्स के अधिकारियों ने नोटिस जारी किया, लेकिन वह उसे टालता रहा। जिसके बाद अधिकारियों के तेवर सख्त हुए और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गणेश दत्त मिश्रा के नाम से वारंट जारी किया।
Mukhtar Row:
बता दें कि गणेश दत्त मिश्रा की रौजा स्थित श्रीराम कॉलोनी में पांच मंजिला बिल्डिंग थी। उसे जिला प्रशासन ने छह दिसंबर 2020 को गैंगस्टर एक्ट (Mukhtar Row) के तहत ध्वस्त करा दिया था। 12 अक्टूबर 2022 को जिला प्रशासन ने रजदेपुर देहाती में तीन एवं कपूरपुर मौजा में संपत्ति कुर्क किया था। पुलिस द्वारा गणेश मिश्रा को गिरफ्तार कर लखनऊ लेकर रवाना होने की जानकारी होते ही आईएस 191 गैंग के सक्रिय सदस्यों की दिल की धडकनें बढ़ गई हैं।