- विभिन्न क्षेत्रों से आये कृषकों ने जिम्मेदार महकमों की कार्य प्रणाली (Farmer Problems) पर उठाए सवाल
- गलत ढंग से बनी नालियों से सिंचाई का पानी खेतों से बाहर बहकर हो रहा है बर्बाद
- सभी सरकारी ट्यूबवेल दुरुस्त रखने के पूर्व के निर्देशों के बावजूद हालात हैं गंभीर
Farmer Problems: केंद्र पर प्रदेश सरकार जहां किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए विभिन्न स्तर पर प्रयास करते हुए संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने में जुटी है वहीं जनपद के तमाम कृषकों खेती से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं या तो नहीं मिल रही हैं अथवा विभागीय लापरवाही (Farmer Problems) के कारण सुविधाओं को लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। रविवार को जिला स्तरीय ‘खरीफ उत्पादकता गोष्ठी एवं कृषक-वैज्ञानिक संवाद’ कार्यक्रम में मौजूद किसानों के शिकायतों का अंबार लगा दिया। फलस्वरूप डीएम एस. राजलिंगम ने सख्त नाराजगी जतायी। उन्हें कहना पड़ा कि संबंधित महकमों के अधिकारी दफ्तरों में बैठने के बजाय किसानों तक पहुंचें।
कमिश्नरी सभागार में यह कार्यक्रम था। इस दौरान विभिन्न विकास खंडों से पहुंचे किसानों ने नहरों की सफाई न किये जाने का आरोप (Farmer Problems) लगाया। साथ ही टेल तक पानी न पहुंचने की शिकायत की। खरीफ सीजन आ चुका है बारिश देर से हो रही है। आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध होना टेढ़ी खीर बन चुका है। ऐसे में जब नहरों की साफ-सफाई नहीं की जाएगी तो उसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ रहा है। दूसरी ओर, किसानों ने नलकूप विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किये।
किसानों ने कहा कि महकमे की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित की गयी नालियां लापरवाही के साथ बनाये गये हैं। नालियां ठीक ढंग से न बनाये जाने के चलते सिंचाई के लिए वह पानी खेतों में पहुंचने के बजाय बाहर बहकर बर्बाद हो रहा है। दर्जनों क्षेत्र में नालियां टूटी हुई हैं। वहीं, नलकूप विभाग की स्थिति यह है कि तमाम इलाकों में सरकारी ट्यूबवेल या तो खराब हैं या बंद पड़े हैं। जबकि महकमे को शत-प्रतिशत नलकूपों को चालू हालत में रखने के निर्देश काफी पहले ही मिल चुके हैं।

उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल ठप होने के कारण निजी क्षेत्र के नलकूपों से 100 रुपये प्रति घंटा की दर से पानी खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। इस मौके पर चिरईगांव के किसान नागेंद्र प्रताप सिंह ने शारदा सहायक नहर की सफाई न होने और नहर में गोइठहां एसटीपी का प्रदूषित पानी छोड़े जाने से की शिकायत (Farmer Problems) दोहरायी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसानों की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है।
इसी तरह जफराबाद, हसनपुर, छित्तमपुर और पिंडरा के किसानों ने अपनी-अपनी समस्याएं बतायीं। बीते साल गेहूं के बीज का पैसा डीबीटी के जरिये अबतक प्राप्त न होने की शिकायत पर अधिकारियों ने किसानों को बताया कि जिले में इस मद में शासन स्तर से करीब 60 लाख रुपये जारी होना है। धनराशि मिलते ही संबंधित किसानों के खातों में पैसा भेज दिया जाएगा।
Farmer Problems: दफ्तर से निकलकर किसानों तक पहुंचें अफसर – डीएम
खरीफ उत्पादकता गोष्ठी के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने सख्त नाराजगी जतायी। साथ ही नहर, नलकूप और सिंचाई विभाग के अफसरों को संबंधित समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान (Farmer Problems) करने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंचाई और नलकूप विभाग के अफसरों को तत्काल समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए सात दिन के भीतर निराकरण कराने के निर्देश दिये।
Highlights
साथ ही संबंधित महकमों के अधिकारियों को नसीहत दी कि आॅफिस में बैठने से कृषकों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। कृषि, उद्यान, मत्स्य, सिंचाई, नलकूप और बिजली विभाग के अफसर अपने-अपने दफ्तरों से बाहर निकलकर खेतों तक पहुंचें तथा कृषि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करें। डीएम ने किसानों को भरोसा दिया कि जिला प्रशासन की टीम कृषकों के साथ खड़ी है।
हर एक किसान कराएं फसल बीमा
गोष्ठी में डीएम एस. राजलिंगम ने किसानों को कृषि विभाग की ओर से संचालित योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी। साथ ही प्रत्येक कृषक को फसल बीमा योजना का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से तैयार की गयी फसलों को प्राकृतिक आपदा आदि से बचाने के लिए फसल बीमा (Farmer Problems) अत्यंत लाभकारी है। हरएक किसान अपनी-अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराएं ताकि संकट की स्थिति में उन्हें नष्ट फसल की भरपायी उपलब्ध कराना संभव हो।

बनाएं पेड़-मेड़ की संस्कृति : सीडीओ
खरीफ गोष्ठी के दौरान मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने चोलापुर ब्लॉक के बबियांव के किसान सौरभ रघुवंशी के आम के बाग का दौरा करने का आह्वान सभी कृषकों से किया। उन्होंने कहा कि इस बाग में लगाये गये मियाजाकी आम का मूल्य लाखों रुपये में है। ऐसे आम वाराणसी में भी उगाया जाना संभव है। यह आम किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक है। उन्होंने किसानों (Farmer Problems) से अपील की कि खेत की मेड़ों पर अधिक से अधिक फलदार पौधे लगाएं। इस प्रकार पेड़ और मेड़ की संस्कृति कायम करें।
किसानों को मुफ्त बांटे मिनी किट
कमिश्नरी सभागार में खरीफ गोष्ठी (Farmer Problems) में कृषि विभाग की ओर से 240 किसानों को अरहर के बीज का मिनी किट मुफ्त उपलब्ध कराया गया। प्रत्येक किट में तीन किलो बीज था। इसी प्रकार प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में खेती-बाड़ी से जुड़े सवालों का जवाब देने वाली 50 महिला किसानों व बुजुर्ग कृषकों को पुरस्कार के तौर पर लिक्विड नैनो यूरिया और तरल जैविक खाद ‘सागरिका’ बांटे गये। तकनीकी सत्र में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी। उप निदेशक कृषि अखिलेश कुमार सिंह ने किसानों को सोलर पंप योजना का लाभ लेने का आह्वान किया। मंच संचालन करते हुए जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि जनपद में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता है।