यूपी नगर निकाय चुनाव का इंतज़ार कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी है. राज्य में अब चुनावका रास्ता साफ़ हो गया है. नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 का राज्य सरकार के ओर से जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है. जिसके तहत ओबीसी आरक्षण तय करते हुए चुनाव प्रक्रिया शूरू की गई थी. हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर 2022 का एक शासनादेश भी निरस्त कर दिया है. जिसके तहत निकायों के बैंक अकाउंट प्रशासकीय अधिकारियों द्वारा संचालित करने की अनुमति दी गई थी.
सरकार तत्काल जारी करे अधिसूचना
हाईकोर्ट ने कहा है कि ट्रिपल टेस्ट किए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता. जबकि ट्रिपल टेस्ट में काफी समय लगता है. उत्तर प्रदेश में सभी निकायों के कार्यकाल 31 जनवरी 2023 तक समाप्त हो रहे हैं. इसलिए चुनाव जल्द से जल्द कराने की आवश्यकता है. लिहाजा सरकार निकाय चुनावों की अधिसूचना तत्काल जारी करे.
महिला आरक्षण भी दिया जाएं
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि संवैधानिक प्राविधानों के अनुसार, महिला आरक्षण दिए जाएं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि नए निर्वाचित निकायों के गठन के पूर्व वर्तमान निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो निकाय का कामकाज तीन सदस्यीय कमेटी देखेगी जिसमें डीएम, अधिशासी अधिकारी या म्युनिसिपल कमिश्नर तथा एक जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे. यह कमेटी कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी.