Delhi Air Pollution : दिल्ली-एनसीआर में धुंध की चादर छाई हुई है। प्रदूषण से राजधानी और उसके आसपास का हाल बेहाल है। जहां एक तरफ भीषण प्रदूषण की समस्या से दिल्ली-NCR के लोग परेशान हैं, वहीं दिली-NCR के पड़ोसी राज्य यानि कि पंजाब में पराली जलाने के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। यहाँ बात पंजाब में जलने वाली पराली की इसीलिए की जा रही है क्योंकि दिल्ली क्षेत्र में उत्पन्न प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह यही मानी जाती है।
वायु प्रदूषण के चरम पर होने के कारण नीतिगत उपायों की प्रभावशीलता पर चर्चा इन राज्यों में शुरू हो जाती है और इस वक्त भी यही परिस्थिति आ गयी है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बिगाड़ने में भी सीधे तौर पर पंजाब एवं हरियाणा को ही जिम्मेदार माना जाता है लेकिन इन सब के बीच क्लाइमेट ट्रेंड्स नाम की संस्था द्वारा किए गए विश्लेषण से कुछ अलग ही जानकारी सामने आई है।
Delhi Air Pollution : 13 से 20 नवंबर तक दिल्ली में यह प्रतिबन्ध लागू
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए राज्य में डीजल से चलने वाले कर्मशियल चार पहिया वाहनों, ट्रकों और सभी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय {Delhi Air Pollution} ने सोमवार को ऑड-ईवन स्कीम की घोषणा वायु प्रदूषण से बचने के उपाय के रूप में की जिसे 13 से 20 नवंबर तक दिल्ली में लागू किया जाएगा।
उन्होंने {Delhi Air Pollution} यह भी कहा है कि सरकार ने स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को छोड़कर अन्य सभी स्कूलों में स्कूली बच्चों के लिए फिजिकल कक्षाएं चलवाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकारी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही संचालित किये जाने का फैसला लिया गया और बाकि के बचे कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम यानि कि घर से ही काम करेंगे।