Menopause: महिलाओं में मासिक धर्म (Mesnstruation) का एक स्थायी अंत रजोनिवृत्ति होता है। रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में अंडाशय द्वारा एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है, जिससे उष्णता लगना (Hot Flashes), वजन बढ़ना या योनि का सूखापन जैसे लक्षणों में वृद्धि होती है। यह ध्यान रखने की बात है की रजोनिवृत्ति कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक महिला के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है।
महिलाओं में रजोनिवृत्ति किस उम्र में होती है?
अधिकांश महिलाओं में 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। हालांकि, महिलाओं में अंडाशय का कार्य रजोनिवृत्ति से कुछ वर्षों पहले घटना शुरू हो जाता है। जबकि कुछ महिलाओं को 50 की उम्र के बाद भी मासिक धर्म जारी रहता है। यद्यपि रजोनिवृत्ति की उम्र आपका अनुवांशिकी निर्धारित करती है, लेकिन धूम्रपान और कीमोथेरेपी जैसे उपचार भी ओवरी के कार्य में गिरावट को तेज कर सकते हैं, जिसके कारण कुछ महिलाओं में समय से पहले रजोनिवृत्ति हो सकती है।
पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज [Menopause] में क्या अंतर है?
पेरिमेनोपॉज रजोनिवृत्ति की शुरूआत होने से ठीक पहले का समय है। यह एक परिवर्तन अवधि है जिसमें अंडाशय से हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है। उष्णता लगना और अनियमित मासिक धर्म परिमेनोपोज अवधि का मुख्य संकेत होत हैं। जब आपको मासिक धर्म लगातार 2 महीनों तक नहीं आता है तो इसका मतलब आप रजोनिवृत्ति में प्रवेश कर रही हैं।
एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण उत्पन्न होने वाले लक्षण कौन से है?
उष्णता लगना एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी का मुख्य लक्षण है, और लगभग -19% महिलायें रजोनिवृत्ति के दौरान महसूस करती हैं। अन्य लक्षणों में थकान, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, अवसाद या योनि लूब्रिकेशन में कमी के कारण संभोग में दर्द महसूस होना, और स्तन में दर्द शामिल हैं। कुछ महिलाओं को मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द (आर्द्राल्जिया) या मूड स्विंग भी हो सकते है।
उष्णता लगना (Hot Flashes) कैसा लगता है?
हॉट फ्लैश के दौरान, आप शरीर के तापमान में काफी वृद्धि महसूस करते हैं। यह आपके ऊपरी शरीर और त्वचा को ज्यादा प्रभावित करती है, जिसके कारण लाली या दागदार त्वचा हो जाती है। शरीर के तापमान में इस अचानक वृद्धि के कारण अत्यधिक पसीना, पल्पिटेशन, और चक्कर महसूस हो सकते हैं। हॉट फ़्लैश के ठीक बाद आपको ठंड लग सकती है। इसकी तीव्रता अलग अलग महिलाओं में भिन्न-भिन्न हो सकती है और आमतौर पर 30 सेकंड और 10 मिनट तक रह सकती है। इसकी आवर्ती भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती हैं, कुछ में यह रोज या दिन में कई बार हो सकती है, जबकि अन्य के लिए एक वर्ष या कई वर्षों के दौरान हॉट फ्लैश हो सकती है।
क्या हॉट फ्लैश को रोका जा सकता है?
हॉट फ्लैश को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन ट्रिगर कारक से बचकर हॉट फ्लैश की बारम्बारता को कम किया जा सकता है। हॉट फ्लैश को बढ़ाने वाले कुछ ट्रिगर शराब, निकोटीन, कैफीन, तनाव, मोटापा, मसालेदार भोजन और गर्म मौसम हैं। हॉट फ्लैश के दौरान गहरी साँस लेने का (Deep Breathing Exercise) इसके लक्षणों की तीव्रता को कम करता है।

रजोनिवृत्ति आपके हड्डीयों के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?
रजोनिवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजेन हॉर्मोन के उत्पादन में गिरावट आने के कारण हड्डियों में कैल्शियम का ब्रेक डाउन होने लग जाता है। जिससे हड्डियों का घनत्व कम होने लग जाता है. और आॅस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी हो, सकती है। अपने अंतिम मासिक धर्म के बाद पहले कुछ वर्षों में महिलाओं में हड्डियों के घनत्व में तेजी से कमी होने लगती है जिससे महिलाओं में कूल्हे, रीढ़ और अन्य हड्डी के फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है।
हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (डेयरी और पत्तेदार सब्जियाँ अधिक खानी चाहिए और विटामिन ऊ के सप्लीमेंट लेने चाहिए। धूम्रपान और शराब का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य को और खराब करता है, इसलिए इससे सेवन से बचना चाहिए। वजन नियंत्रण और अन्य व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से भी हड्डियों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
क्या हृदय रोग रजोनिवृत्ति से जुड़ा हुआ है?
एस्ट्रोजन हार्मोन का कम स्तर आपके शरीर की धमनियों का लचीलापन कम करता है जिससे हृदय का कार्य प्रभावित होता है। यह स्पंदन (palpitation) और चक्कर आना जैसे लक्षणों का कारण भी होता है। स्वस्थ वजन को नियमित रखना, संतुलित आहार करना, और रोजाना व्यायाम करने से रजोनिवृत्ति से जुड़ी हृदय की बीमारियाँ होने की संभावना कम हो सकती है।
क्या रजोनिवृत्ति में वजन बढ़ना सामान्य है?
उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्मोन के स्तर में बदलाव आपके वजन बढ़ने का कारण हो सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आदतों को अपनाने से वजन नियंत्रण में मदद मिल सकती है। अधिक वजन होने से आपमें हृदय रोग, मधुमेह, और अन्य बीमारीयों का खतरा भी बढ़ सकता है।
रजोनिवृत्ति के मनोवैज्ञानिक प्रभाव क्या है?
एस्ट्राडियोल एस्टोजेन का एक प्राथमिक रूप है जो मस्तिष्क में कार्य, करता है, और स्मृति के उचित कामकाज में मदद करते हुए स्मृति प्रदर्शन और मस्तिष्क के पुनर्गठन से संबन्धित है। यह मेमोरी फक्शन को सुविधाजनक बनाता है। रजोनिवृत्ति के दौरान, एस्ट्राडियोल हार्मोन की कमी अचानाक मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को अस्थिर कर देती है. और इससे महिलाओं में स्मृति हानि होती है।
मेनोपॉज के दौरान हो सकती हैं ये स्किन संबंधी समस्याएं
महिलाओं में मेनोपॉज के समय स्किन रूखी यानी ड़ाई रहने लगती है। इसके साथ ही चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स भी दिखाई देने लगती हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के गालों की कसावट कम होती है और गाल ढीले दिखने लगते हैं। इसके साथ ही चकत्ते पड़ना, स्किन पर खुजली होना, चेहरे पर बाल आना और मुहांसों की समस्या भी हो सकती है।
क्या रजोनिवृत्ति के लक्षण व्यक्तियों में भिन्न हो सकते है?
हां, रजोनिवृत्ति के लक्षण एक महिला से दूसरी महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, भले ही वे एक ही परिवार की क्यों ना हों। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उम्र और अंडाशय के कार्य में कमी की दर सभी महिलाओं में बहुत अलग होती है। रजोनिवृत्ति सब में एक समान नहीं होती। कुछ महिलाएं बिना किसी दिक़्कत के रजोनिवृत्ति तक पहुंच जाती हैं। अपने रजोनिवृत्ति के लक्षणों को जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें और यदि आपको लगता है कि ये लक्षण आपके दिन-प्रतिदिन के कामकाज में दिक़्कत कर रहे हैं तो उन्हें नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में डॉक्टर से सलाह करें।
क्या हार्मोन रिप्लेसमेंट रजोनिवृत्ति की समस्याओं के नियंत्रण के लिए एक सुरक्षित विकल्प है?
कई हार्मोन थैरेपी हॉट फ़्लैश के इलाज और हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए कारगर होते हैं। लेकिन वे सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकते। यदि आपको कोई चिकित्सीय बीमारी है तो हार्मोनल थेरेपी आपके लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। हार्मोनल थेरेपी के बिना अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर के आप रजोनिवृत्ति के कई लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हो। यह याद रखें कि रजोनिवृत्ति एक महिला के जीवन चक्र का एक स्वाभाविक चरण है।रजोनिवृत्ति से संबंधित किसी भी समस्या से निपटने के लिए अपने डॉक्टर से नियमित संपर्क में रहें।
मीनोपॉज के बाद स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?
ऐसे में महिलाओं को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ख्याल रखना चाहिए।
संतुलित आहार
अपने रोज के खाने में संतुलन बनाए रखना मीनोपॉज के बाद बहुत अहमियत रखता है। ज्यादा से ज्यादा शाकाहारी और फाइबर युक्त खाने का सेवन करें। Processed या Packaged आहार जितना कम खाया जाए आपके सेहत के लिए उतना उपकारी है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स खाना चाहिए। ए यह पोषक तत्व महिलाओं में रजोनिवृत्ति यानी मेनोपोज के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार है। इसके लिए डाइट में सालमन मैकेरल और एंकोवीज जैसी मछलियां शामिल कर सकते हैं। ये हेल्दी फैट्स से भरपूर होती हैं।
मेनोर्पोज वाली महिलाओं की डाइट में भी फल और सब्जियां शामिल करना बेहद जरूरी है। ये विटामिन फाइबर एंटीआक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। मेनोपॉज (Menopause) में आप बींस, संतरा, सेब, अंगूर जैसे फलों का सेवन करना शुरू करें। यह सारे फूड कोलेजन बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।
साबुत अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें फाइबर विटामिन बी थायमिन नियासिन जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं की डाइट में साबुत अनाज भी जरूर खान चाहिए। ये अपको कई तरह की समस्याओं से बचाते हैं।
फाइटोएस्ट्रोजेन शामिल करने से महिलाओं को रजोनिवृत्ति से संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। जो सोयाबीन अलसी के बीज चना मूंगफली अंगूर आदि चीजें फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर होते हैं।
Highlights
मीनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन के कमी की वजह से आपकी हड्डियाँ कमजोर पड़ जाती है। इस समय osteoporosis होने की संभावना बढ़ जाती है और शरीर में कैल्सियम की जरुरत ज्यादा होती है। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर दूध, पनीर, दही अपनी डाइट में जरूर लें। ये आपकी हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे, इसलिए रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को अधिक डेयरी उत्पादों का सेवन करना चाहिए। कुछ स्थितियों में शरीर को आहार से पर्याप्त रूप से कैल्शियम नहीं मिल पातो इस समय आप डॉक्टर के सलाह से calcium supplements लेना शुरू कर सकते हैं।
नियमित व्यायाम
मीनोपॉज के बाद व्यायाम न करने पर आपका वजन बढ़ सकता है। यदि आप नियमित आधार पर दिन में कम से कम 30-40 मिनट टहलने जाएं या aerobics करें तो आपके हड्डियों, मांसपेशी और जोड़ों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ सकता है।