Ramdhun by Flute : काशी के बांसुरी वादक मुश्ताक का अंदाज भी लोगों को काफी पसंद आ रहा है। मुस्ताक काशी के अस्सी घाट पर बड़ी खूबसूरती से बांसुरी बेचते हैं और उतनी ही खूबसूरती से बांसुरी बजाते भी हैं। मुस्ताक के बांसुरी की आवाज़ सुनकर लगता है कि जैसे उनकी आवाज़ में साक्षात सरस्वती [Ramdhun by Flute] का वास हो। काशी के अस्सी घाट पर मुस्ताक करीब 30 वर्षों से बांसुरी बनाने और बेचने के साथ साथ मुफ्त में सिखाने का भी काम करते हैं। वह ‘मुस्ताक भाई’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। इन दिनों उनके पास जो भी आ रहा प्रभु राम के गीतों की धुन सुनने और सीखने का डिमांड कर रहा।
Ramdhun by Flute : धुन को सीखने और बांसुरी को खरीदने की बढ़ी डिमांड
मुस्ताक के मुताबिक, इस समय सबसे ज्यादा डिमांड राम भजन [Ramdhun by Flute] की है। उन्होंने कहा कि हमें ही भजन को सुनकर भाव उत्पन्न हो रहा है। मन में खुशी है कि मंदिर बन रहा हैं क्योंकि लोगों की आस्था वहां से जुड़ी है उन्होंने कहा कि रोजाना घाट पर हजारों लोग जाते हैं जो हमारे इस धुन को सुनते हैं उसमें से 50 लोग ऐसे हैं जो इस धुन को सिखाते हैं और बांसुरी को खरीदते हैं।
उन्होंने सबसे पहले पहले “राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी” और फिर “हे राम हे राम” सहित अन्य गीतों के धुंन [Ramdhun by Flute] को बजाया। जिसको सुनने के लिए घाट जाने वाला घर एक व्यक्ति ठहर गया और मुस्कान भाई को धुंन को सुनने लगा और उनके धुंन को अपने मोबाइल में रिकार्ड करने लगा। वह वाराणसी के मुडाइला ( मंडुआडीह ) के रहने वाले हैं। मुस्ताक भाई बताते हैं कि हमारे परिवार में एक संगीत घराना बसता था और उसी परंपरा [Ramdhun by Flute] का निर्वहन करते हम भी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब शादी हो गई तो उसके बाद पैसे की आवश्यकता होने लगी उसके बाद से ही हमने बांसुरी बनाने और बेचने का काम शुरू कर दिया।