केरल के कूडलमानिक्यम मंदिर में बीते वर्ष अप्रैल माह में मंदिर प्रांगण में एक गैर-हिन्दू कलाकार को भरतनाट्यम न करने देने के कारण विवादों में आ गया था। त्रिशुर में इरिंजालाकुडा में भगवान श्री राम के भाई भरत का इकलौता मंदिर है। यह मंदिर नलंबलम मंदिर समूह का एक हिस्सा है। नलंबलम में चार भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के चार मंदिर हैं। सन् 854 में स्थापित इस मंदिर में गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है।
इस संबंध में कूडलमानिक्यम मंदिर के चैयरमैन यू प्रदीप मेनन कहते हैं कि 11 सौ साल पुरानी परंपरा को कायम रखने के लिए हमने भरतनाट्यम कलाकार मनसिया श्याम कल्याण को मंदिर में आने की इजाजत नहीं दी थी, क्योंकि स्टेज मंदिर प्रांगण में ही था, लेकिन अब हम मंदिर प्रांगण के बाहर एक स्टेज और उसके साथ लगा हुआ ऑडिटोरियम तैयार कर रहे हैं, जहां किसी भी धर्म के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे।
कलाकार से पूछा था उसका धर्म
हमने भरतनाट्यम कलाकार मनसिया से उनका धर्म पूछा था। उन्होंने हमें लिखकर दिया कि वे किसी धर्म को नहीं मानतीं। इसके बाद हमें अपनी परंपरा के अनुसार फैसला लेना पड़ा और उन्हें मंदिर परिसर में आने से रोक दिया गया, लेकिन अब भविष्य में कभी ऐसा नहीं होगा।
नए ऑडिटोरियम में 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था
मंदिर परिसर के अंदर बने मंच पर सिर्फ हिंदू कलाकार ही मंचन कर सकते हैं। उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मंच और ऑडिटोरियम का काम शुरू हो गया है। मई में मंदिर का उत्सव होना है। इससे पहले मंच और ऑडिटोरियम पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। यहां 1500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।