लखनऊ। भारत का अग्रणी यूथ एंटरटेनमेंट चैनल, एमटीवी हमेशा से संस्कृति को परिभाषित करने वाली बातचीत में मुख्य भूमिका निभाता आया है। इसके पथ-प्रदर्शक शो, एमटीवी निषेध के दूसरे सीजन के साथ ब्रांड ने कलंकित विषयों, जैसे गर्भपात, यौन स्वास्थ्य, अनैच्छिक गर्भ, जहरीले संबंधों, ट्यूबरकुलोसिस, आदि अनेक विषयों पर वार्ता छेड़ी है, ताकि युवाओं को प्रभावित करने वाली समकालीन समस्याओं पर खुलकर बात हो सके। एमटीवी निषेध की शैली में, ब्रांड, नवाबों के शहर लखनऊ में गुरुवार को अमीनाबाद और रूमी दरवाजा पर एक चिंतनशील नुक्कड़ नाटक, खुल के बोल लेकर आया है, जो शो की थीम पर आधारित है। इस नुक्कड़ नाटक में युवाओं की उन मौजूदा एवं महत्वपूर्ण समस्याओं पर रोशनी डाली गई है, जिनके बारे में बात करने से वो कतराते हैं। प्रतिभाशाली थिएटर समूह – रंगा रंग मंच द्वारा दी गई इस प्रस्तुति में अनेक कलंकित विषयों और समस्याओं पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए गए हैं, जिससे इस शो की अवधारणा जीवंत हो जाती है।
नए युग के कलाकारों – अशीमा वरदान, आर्यन टंडन, अनुसुभ्दा भगत, रामा शर्मा, सचिन विद्रोही, आँचल गोस्वामी और चित्रांश राज द्वारा अभिनीत इस ड्रामा में एक काल्पनिक शहर, प्रेमनगर की जिंदगी के माध्यम से उन समस्याओं का चित्रण किया गया है, जिन्हें कलंकित विषय माना जाता है। यदि आप टीवी पर एमटीवी निषेध सीजन 2 नहीं देख पाए हैं, तो यह शो फुली फालतू यूट्यूब चैनल पर देखिए।