लखनऊ, गोसाईगंज। राजधानी के गोसाईगंज क्षेत्र के कबीरपुर गांव के रहने वाले आयुष पटेल एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर लोगों के बीच खुद को साबित किया। एथिकल हैकिंग की फील्ड में खुद के नाम को विश्व भर में लोगों के बीच रखा। फेसबुक के फाउंडर बिल गेट्स और भी बड़ी हस्तियों के जैसे ही आयुष का भी अकेडमिक कुछ खास नहीं रहा,आयुष बताते है हाई स्कूल में वह सेकंड डिवीजन से पास हुए थे,आयुष को कंप्यूटर में हमेशा से रूचि थी लेकिन मास्टर जी ने मैथ्स न लेने की सलाह दी जिसका नतीजा आयुष को भुगतना पड़ा इंटरमीडिएट की परीक्षा में,आयुष मैथ्स में फैल हो गए। वो आयुष का परिवार ही था जिसने आयुष को प्रोत्साहित किया। आज आयुष के नाम 12 ग्लोबल सर्टिफिकेशन है जिसमे और अमेरिका की जानी मानी संस्था से सर्टिफाइड एथिकल हैकर है।
आयुष ने जेटकिंग से डिप्लोमा इन नेटवर्किंग का कोर्स चुना जहा से उनको कोर नेटवर्किंग और हार्डवेयर की नॉलेज हुई,उसी दौरान आयुष ने अपनी खुद की कंपनी स्टार्ट की जिसका नाम आयुष सिक्योरिटी सोलूशन्स है फिर तो मनो समय का पहिया ही घूम गया,उसके बाद से आयुष ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, आयुष ने हमसे बात करते हुए बताया जब कोरोना अपने चरम पर था तो साइबर अटैक्स की मात्रा 150 % से बढ़ गयी उन्होंने ये फैसला किया की वो लोगो को एथिकल हैकिंग और लिनक्स की ट्रेनिंग देंगे,आयुष ने उस दौरान भारत,अमेरिका,साउथ कोरिया ,आॅस्ट्रेलिया,स्पेन,इंग्लैंड जैसे देशो के 100 से अधिक लोगो को ट्रेनिंग दी। इन्होने महज 19 साल की उम्र में है उन युवाओं के लिए जो फैल होने के बाद रुक जाते है और आगे प्रयास नहीं करते। एथिकल हैकिंग की रुचि अब बन गई है उनकी पहचान।
आयुष पटेल ने बताए सफलता के मंत्र
अगर आप एथिकल हैकिंग में एक स्तर हासिल करना चाहते हैं, तो आपको लिनक्स पता होना चाहिए। नेटवर्किंग कांसेप्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए आपको नेटवर्किंग के बारे में पता होना चाहिए। साइबर सुरक्षा एक व्यापक प्रभुत्व है, हर दिन एक नया दिन है, नए कारनामे, नई कमजोरियां। सीखने की प्रकिया जारी रखें। खुद को अपडेट रखें। कोई एक प्रोग्रामिंग भाषा को सीखने का प्रयास करें। कभी भी अपने काम से भागना नहीं चाहिए। कभी-कभी आपको ऐसा लगेगा कि मैं क्या कर रहा हूं ,तो उस स्थिति में आपको खुद को शांत करना होगा।
sudha jaiswal