वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी इस बार बाबा विश्वनाथ और कुंभ मेले को समर्पित होगी। 25 से 27 दिसंबर तक मालवीय भवन में तीन दिवसीय इस आयोजन में फूलों से बनी भव्य संरचनाएं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रमुख आकर्षण होंगे।
BHU: विश्वनाथ मंदिर और कुंभनगरी के फूलों से बने अद्भुत दृश्य
इस प्रदर्शनी में फूलों से आठ फीट ऊंचा और आठ फीट चौड़ा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर बनाया जाएगा, जिसमें गर्भगृह भी होगा। यहां श्रद्धालुओं को भोलेनाथ की पूजा विधि का प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इसके साथ ही 10 फीट ऊंची और आठ फीट चौड़ी कुंभनगरी का अनूठा मॉडल तैयार किया जाएगा, जहां पताकाओं और पोस्टरों के साथ कुंभ मेले का जीवंत अनुभव प्रस्तुत किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए फूलों से बने मोर इस आयोजन की शोभा बढ़ाएंगे।

प्रतियोगिता और नवाचार का संगम
इस साल पुष्प प्रदर्शनी में 300 से अधिक प्रतिभागी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। विश्वविद्यालय की श्रेणी में 82 प्रतियोगी पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं, जबकि बाहरी प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण 23 दिसंबर तक खुले रहेंगे। इस बार प्रदर्शनी स्थल पर सीसीटीवी निगरानी के साथ हर आगंतुक को विजिटिंग कार्ड दिया जाएगा। यह व्यवस्था पहली बार की जा रही है, जिससे आगंतुकों की सही संख्या का पता लगाया जा सकेगा।

औषधीय पौधों और फसलों पर विशेष जानकारी
प्रदर्शनी में औषधीय पौधों, सब्जियों और फलों को उगाने की तकनीक समझाने के लिए विशेष काउंटर लगाए जाएंगे। यहां उद्यान विभाग के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। आयोजन में सब्जियों की 38, औषधीय पौधों की 18 और फलों की 12 प्रजातियां प्रदर्शित की जाएंगी।
विजेताओं को पुरस्कार और नई प्रेरणा
प्रतियोगिता के विजेताओं को बीएचयू प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। पुष्प सज्जा, वास्तुकला, और फलों-सब्जियों के नमूनों को प्रतियोगी कार्ड के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। कलात्मक पुष्प सज्जा और मंडप ग्रुप जैसी विशेष श्रेणियों में भी पुरस्कार दिए जाएंगे।

40,000 से अधिक लोगों की भागीदारी का अनुमान
प्रदर्शनी के सदस्य सचिव प्रो. सरफराज आलम ने बताया कि इस वर्ष आयोजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 40,000 से अधिक आगंतुकों के भाग लेने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
Highlights
संस्कृति, आस्था और पर्यावरण का संदेश
यह प्रदर्शनी केवल आस्था और संस्कृति का संगम नहीं होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और बागवानी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी माध्यम बनेगी। फूलों से सजी यह प्रदर्शनी निश्चित ही आगंतुकों को एक अनोखा और प्रेरणादायक अनुभव प्रदान करेगी।