Varanasi Holi: नफरत की दीवारों को गिराकर प्रेम और एकता की मिसाल पेश करते हुए काशी में हिंदू-मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर होली का त्योहार मनाया। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित इस अनोखे होली उत्सव में गुलाब की पंखुड़ियों, हरे-लाल गुलाल और गुलाब जल से प्रेम और भाईचारे के रंग बिखरे।


कार्यक्रम की शुरुआत ढोल की थाप और पारंपरिक गीतों से हुई। “होली खेले रघुराई अवध में, कृष्ण कन्हाई गोकुल में हो” जैसे गीतों पर महिलाओं ने जमकर ठुमके लगाए। इस आयोजन (Varanasi Holi) ने कट्टरपंथी विचारधारा को करारा जवाब दिया, जो लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं।


Varanasi Holi: प्रेम और खुशियां बांटने के लिए मनाया होली का पर्व
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने इस मौके पर कहा, “होली हमारे पूर्वजों और महान भारतीय संस्कृति का त्योहार है। हम न अरबी हैं, न ईरानी, न तुर्की—हम भारतीय हैं। त्योहार (Varanasi Holi) मनाने के लिए हमें किसी की इजाजत की जरूरत नहीं। हम प्रेम और खुशियां बांटने के लिए यहां हैं।”

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा, “होली के रंगों से नफरत की आग बुझेगी। जो लोग प्रेम और सौहार्द्र से दूर हैं, वही असली मायनों में जीवन के रंगों को नहीं समझते।”

इस आयोजन में मुस्लिम और हिंदू महिलाओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया, मिठाइयां खिलाईं और इस संदेश को मजबूत किया कि भारत की असली पहचान उसकी एकता और सांस्कृतिक सौहार्द्र में है।
Comments 1