Varanasi: जिला जेल चौकाघाट से फर्जी रिहाई आदेश के जरिए एक विचाराधीन कैदी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी (निवासी हाथरस) को रिहा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस गड़बड़ी का संज्ञान लेते हुए नवनियुक्त जेल अधीक्षक राजेश कुमार ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में FIR दर्ज कराई है।
पूर्व IPS और डिप्टी जेलर की बेटी ने उठाया मामला
इस प्रकरण को हाल ही में नैनी जेल स्थानांतरित की गईं डिप्टी जेलर (Varanasi) की बेटी नेहा शाह और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उजागर किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
Varanasi: फर्जी रिहाई आदेश का खुलासा
- कैदी सुनील कुमार को 24 फरवरी 2024 को वाराणसी जेल में दाखिल किया गया था।
- 7 मार्च को एक फर्जी रिहाई आदेश (Varanasi) के आधार पर उसे जेल से रिहा कर दिया गया।
- जांच में पता चला कि अलीगढ़ कोर्ट से कोई जमानत आदेश जारी नहीं किया गया था।
- हाईकोर्ट में अभी सुनवाई लंबित होने के बावजूद रिहाई कैसे हुई, इस पर जांच शुरू की गई।
कैसे सामने आया मामला?
जेल प्रशासन (Varanasi) को जब इस गड़बड़ी की जानकारी मिली, तो सहायक रेडियो अधिकारी, पुलिस लाइन वाराणसी ने संयुक्त निदेशक अभियोजन, अलीगढ़ से पत्राचार किया। जवाब में स्पष्ट हुआ कि ऐसा कोई भी जमानत आदेश या रेडियोग्राम कोर्ट से जारी नहीं हुआ था।
इस गंभीर मामले को लेकर सुनील कुमार और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। पुलिस (Varanasi) ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है, जिससे दोषियों का पता लगाया जा सके।
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