उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय राय (Ajay Rai) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति समीर जैन की सिंगल बेंच ने वाराणसी की ट्रायल कोर्ट में उनके खिलाफ चल रही संपूर्ण कार्यवाही को रद्द कर दिया।
Ajay Rai: अजय राय का यह मामला आखिर है क्या
अजय राय और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ सितंबर 2017 में वाराणसी के कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप था कि धारा 144 लागू होने के बावजूद उन्होंने टाउनहाल मैदान से लहुराबीर चौराहे तक जुलूस निकाला और सभा की। इस मामले में आईपीसी की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) समेत अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई शुरू हुई थी।
अजय राय (Ajay Rai) ने वाराणसी के एडिशनल सिविल जज की अदालत में चल रही सुनवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी ओर से दलील दी गई कि इस मामले में दाखिल चार्जशीट और उस पर संज्ञान लेने का आदेश आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के विपरीत है। इसलिए ट्रायल कोर्ट की पूरी कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए।
शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट में स्वीकार किया कि प्रथमदृष्टया संज्ञान का आदेश गलत प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केवल इसी आधार पर पूरी कार्यवाही को रद्द करना उचित नहीं होगा। उन्होंने कोर्ट से मामले की तैयारी के लिए तीन दिन का समय भी मांगा।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगस्त में हुई पिछली सुनवाई में ही अजय राय और अन्य के खिलाफ आगे की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अब अदालत ने अंतिम आदेश में वाराणसी ट्रायल कोर्ट में चल रही संपूर्ण कार्यवाही को रद्द कर दिया है।
2017 का यह मुकदमा कांग्रेस नेताओं के उस समय के विरोध-प्रदर्शन से जुड़ा है, जिसमें अजय राय, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा और अन्य नेताओं पर प्रशासनिक निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप था। हाईकोर्ट का यह आदेश अजय राय (Ajay Rai) के लिए न सिर्फ कानूनी राहत है बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे इस समय प्रदेश कांग्रेस की कमान संभाले हुए हैं।