Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की वाराणसी में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता की सफलता हेतु बुधवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में विशेष प्रार्थना और अनुष्ठान किया गया। नमामि गंगे के बैनर तले महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के बटुकों संग इस आयोजन में भारत और मॉरीशस के गहरे संबंधों के लिए आशीर्वाद मांगा गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दोनों देशों के राष्ट्रध्वज और प्रधानमंत्रियों की तस्वीरों के साथ स्वस्तिवाचन से हुई। उपस्थित लोगों ने भारत माता के सम्मुख प्रार्थना कर द्विपक्षीय वार्ता (Varanasi) को फलदायी होने की कामना की। सनातनी संस्कृति के उत्थान में अग्रणी माता अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा के समक्ष भी दोनों राष्ट्राध्यक्षों का अभिवादन किया गया।

Varanasi: गूंज उठे “भारत माता की जय” के नारे
पूरे विश्वनाथ धाम (Varanasi) परिसर में द्वादश ज्योतिर्लिंगों के गुणगान और “भारत माता की जय” के नारे गूंज उठे। उपस्थित जनसमूह ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशी से वैश्विक मुद्दों पर वार्ता कर रहे हैं।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी में होने वाली यह द्विपक्षीय वार्ता आर्थिक सहयोग, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच इतिहास, भाषा, संस्कृति और विरासत के साझा सूत्र पहले से ही मजबूत हैं, अब ये बंधन और भी अधिक प्रगाढ़ होंगे।

आयोजन में महर्षि योगी वेद विज्ञान अध्ययन पीठ के वेदपाठी बटुक, श्रीसुवर्णा बाबा, अजीत पाठक समेत बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। सभी ने सामूहिक रूप से बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की कि दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचे और वैश्विक स्तर पर भारत-मॉरीशस मित्रता का उदाहरण बने।