Varanasi: वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। गुरुवार की सुबह से ही पुलिस ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के करीब 200 नेताओं को नजरबंद या हिरासत में ले लिया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि पीएम के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोका जा सके।


दरअसल, वाराणसी (Varanasi) में आज प्रधानमंत्री मोदी का एक दिवसीय दौरा तय है। वहीं, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम भी तीन दिवसीय यात्रा पर शहर में मौजूद हैं। इसी बीच विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई थी।

कांग्रेस नेताओं पर शिकंजा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को बुधवार की देर रात वाराणसी आने से रोक दिया गया। लखनऊ के होटल में उनके कमरे में पुलिस ने दबिश दी, जिस पर अजय राय भड़क गए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से सवाल किया कि इतनी रात में कमरे में घुसने का क्या मतलब है। इसके बाद उन्हें होटल से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई।

इसके अलावा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल को भी बुधवार रात ही नजरबंद कर दिया गया। युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सुजान खान को भी उनके घर पर नज़रबंद कर दिया गया। गुरुवार की सुबह राघवेंद्र चौबे समेत दर्जनभर कार्यकर्ताओं (Varanasi) को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लेकर सरदार पटेल धर्मशाला में बैठाया गया। कार्यकर्ताओं के हाथों में पोस्टर थे जिन पर लिखा था— “वोट चोर, गद्दी छोड़।”

इसके बाद राघवेंद्र चौबे ने कहा कि “प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए हमें लगातार परेशान किया जा रहा है। नेताओं और कार्यकर्ताओं को जबरन घरों में बंद किया गया। यह प्रशासन की तानाशाही है। हमारे नेता राहुल गांधी का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। आंदोलन जारी रहेगा।”

Varanasi: सपा के नेताओं को भी नजरबंद
कांग्रेस के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के कई नेताओं को भी घरों से बाहर निकलने से रोका गया। सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान, अमन यादव और जितेंद्र मलिक समेत कई नेताओं को उनके घरों (Varanasi) में ही नजरबंद कर दिया गया। अमन यादव को लंका थाना क्षेत्र से रोका गया जबकि रामनगर सपा बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र मलिक को पुलिस ने घर में ही रोक दिया।
पुलिस प्रशासन (Varanasi) का कहना है कि पीएम मोदी के दौरे के मद्देनज़र सुरक्षा चाक-चौबंद रखी गई है और किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन को रोकना प्राथमिकता है। इसी कारण एहतियातन नेताओं को हाउस अरेस्ट और हिरासत में लिया गया है।