Varanasi: मारकंडेय महादेव धाम मार्ग के चौड़ीकरण कार्य को लेकर गुरुवार को कैथी क्षेत्र में फिर से विवाद की स्थिति बन गई। कैथी हाईवे तिराहे से लेकर मारकंडेय धाम तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य अधर में लटका हुआ है। कीचड़ भरे रास्तों से ग्रामीणों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय कैथी तक भवन स्वामियों को मुआवजा मिल चुका है, लेकिन उसके आगे उत्तर दिशा में स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर तक के मकान मालिकों को अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है।
इसी कारण क्षेत्र में असंतोष बना हुआ है। गुरुवार की सुबह जब प्रशासनिक अमला बुलडोजर और पुलिस बल के साथ पहुंचा, तो मुआवजा न मिलने से नाराज़ ग्रामीणों (Varanasi) ने बातचीत के दौरान साफ कहा कि “जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक कोई भी मकान नहीं तोड़ा जाएगा।” हालांकि इस दौरान किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन या हंगामा नहीं हुआ।
प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर न पहुंचने के कारण बुलडोजर कार्रवाई रोक दी गई और टीम वापस लौट गई। ग्रामीणों (Varanasi) ने बताया कि पहले चरण में मुआवजा पाने वाले भवन स्वामियों ने स्वेच्छा से अपने मकान तोड़ दिए थे, लेकिन जिन लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, वे कार्रवाई के पक्ष में नहीं हैं।

Varanasi: मुआवजा न पाने वालों में ये हैं शामिल
मुआवजा न पाने वालों में दीनदयाल गिरी, संजय गिरी, रामभरोस गिरी, सुरेश यादव, नितेश यादव, तारकेश्वर नाथ पांडे, रामलोचन सिंह, उदय सिंह, दिनेश सिंह, महेंद्र सिंह, मंगल यादव, प्रभाकर यादव, बनारसी गिरी, रमेश गिरी, नरेश गिरी, साजन गिरी, सर्वेश यादव, संजय यादव, रसूल मियां, ईशा अहमद, चंपक यादव, प्रकाश यादव, सीताराम यादव, काशीनाथ यादव, पूजन यादव, बच्चन यादव और घनश्याम यादव शामिल हैं।
ग्रामीण महेंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे, जिलाधिकारी वाराणसी, मंडलायुक्त तथा लोक निर्माण विभाग (Varanasi) के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन पहले ही सभी को समान रूप से मुआवजा दे देता, तो विवाद की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
फिलहाल चौड़ीकरण (Varanasi) कार्य एक बार फिर ठप पड़ गया है और प्रशासन आगे की रणनीति तय करने में जुटा है। वहीं मौके पर राजस्व अधिकारियों में राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार की मौजूदगी रही उन्होंने किसी प्रकार की जानी जानकारी देने से मना कर दिया और कहा कि उच्चाधिकारियों के ना आने की वजह से कार्रवाई रोक दी गई