Varanasi: गंगा में घटते पानी के कारण बालू और बड़े बड़े पत्थर अब ऊपर आने लगे हैं। जिसके चलते गंगा में मौजूद मालवाहक और क्रूज के संचालन में बांधा व समस्या आ रही है। ऐसे में इसको लेकर अब भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण का कार्य जल्द ही चालू होने जा रहा हैं।
Varanasi: 19 किमी तक बड़े पत्थर बने बाधक
उत्तर प्रदेश में गाजीपुर से बनारस (Varanasi) के बीच जल परिवहन में 19 किमी तक बड़े पत्थर बाधक बने हुए हैं। जिस वजह से गंगा में मालवाहक और क्रूज का संचालन सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। वहीं आपको बता दें कि गंगा किनारे बसे शहरों में कोलकाता से लेकर हल्दिया तक व अन्य जगहों तक बड़े-बड़े जल वाहनों को लाना आसन होता है। लकिन अब इन पत्थरों के कारण इनका संचालन अब मुश्किल हो रहा हैं। जिसको लेक भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुख्याल में इन पत्थरों और अन्य अवरोधों को हटाने पर चर्चाएँ हो रही है। जल्दी ही इस पर काम भी शुरू किया जायेगा।

2018 में रामनगर (Varanasi) में बने बंदरगाह को आज भी बड़े जहाजों का इंतजार रहता है। जिसे बनाने में करीब 184 करोड़ रुपये की लागत लगी थी। बड़े जहाजों के न आने की सबसे बड़ी वजह गंगा मैं पानी की कमी और गाजीपुर से बनारस तक फैले बड़े पत्थर हैं। 6 सालों में सिर्फ 6 ,अल्माहक जहाज ही बनारस पहुँच सके हैं।

आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों का कहना है की गाजीपुर से बनारस (Varanasi) तक का एरिया बहुत ही डेंजर जोन में है। उन्होंने बताया की जब नदी में पानी कम होता है तो बालू ऊपर आने लगता है। बालू का खनन करा के हटाया जा सकता है परन्तु बड़े बड़े पत्थरों को हटाना ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। विस्फोट या कटर के जरिये ही उन्हें काटकर अलग किया जा सकता है। आईडब्ल्यूएआई वाराणसी (Varanasi) के निदेशक संजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय से इन पत्थरों को हटाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही इस पर काम किया जायेगा।

