Varanasi: काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के नव्य-भव्य धाम के लोकार्पण की चौथी वर्षगांठ पर शनिवार 13 दिसम्बर को धर्म, संस्कृति और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिला। संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश एवं शिव बारात समिति के संयुक्त आयोजन में काशी की सड़कों पर शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज से डेढ़सी पुल तक निकली भव्य शोभायात्रा ने पूरे शहर को शिवमय वातावरण में रंग दिया।


इसी कड़ी में श्री काशी विश्वनाथ धाम में भी विशेष धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंदिर न्यास का प्रतिनिधित्व करते हुए धाम के डिप्टी कलेक्टर शंभु शरण ने जयादि मंत्र एवं अप्रतिरथ मंत्र द्वारा विशेष हवन–पूजन संपन्न किया। यह हवन–पूजन 11 वैदिक शास्त्रियों की सान्निध्य में विधिवत वैदिक रीति से किया गया। धाम की उन्नति, लोक कल्याण तथा राष्ट्र की मंगल कामना के लिए यह अनुष्ठान संपन्न हुआ।


शोभायात्रा में दिखी काशी के विकास की कहानी
इसके साथ ही इस अवसर पर निकली शोभायात्रा (Varanasi) के मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी रहे। शोभायात्रा में काशी के विकास और भारतीय सांस्कृतिक विरासत की जीवंत झलक देखने को मिली। विभिन्न झांकियों के माध्यम से बाबा विश्वनाथ के अनेक स्वरूप, नौ दुर्गा के नौ रूप, वृंदावन की झांकी और माता वैष्णो देवी की अखंड ज्योति आकर्षण का केंद्र बनी। काशी में प्रस्तावित रोपवे परियोजना को ‘उड़न खटोला’ के रूप में प्रस्तुत कर विकास की कहानी भी दर्शाई गई।


नारी शक्ति की उपस्थिति रही विशेष पहचान
नारी शक्ति की सशक्त उपस्थिति इस शोभायात्रा (Varanasi) की विशेष पहचान रही। विश्व कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम पर आधारित झांकी ने महिलाओं की उपलब्धियों को रेखांकित किया। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की आधिकारिक जानकारी देने वाली वीरांगनाओं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की झांकियों ने देशभक्ति और शौर्य का संदेश दिया। नगर की 55 महिला संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि काशी के सांस्कृतिक आयोजनों में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

देखने को मिला लोकमहोत्सव का रूप
एक दर्जन से अधिक बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े, ताशे और डमरू दलों के साथ दो दर्जन से ज्यादा झांकियों ने शोभायात्रा को लोक महोत्सव का रूप दे दिया। अग्रवाल, मारवाड़ी, गुजराती, मराठा, केशरवानी और खत्री समाजों ने न केवल आयोजन में सहभागिता निभाई, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह जल और शरबत के स्टॉल भी लगाए।

इस दौरान विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से हर वर्ष यह शोभायात्रा काशी की आस्था और उल्लास का प्रतीक बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में धाम (Varanasi) को भव्य-दिव्य स्वरूप मिला, जिससे सनातन संस्कृति को नई पहचान मिली और पर्यटन व रोजगार के क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन आया।
Varanasi: विश्वनाथ धाम का दिव्य-भव्य रूप
गौरतलब है कि चार वर्ष पूर्व इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम (Varanasi) का लोकार्पण कर इसे एक दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान किया था। वर्षगांठ के मौके पर निकली शोभायात्रा में न केवल काशीवासी, बल्कि देश-विदेश से आए श्रद्धालु और पर्यटक भी शामिल हुए। जगह-जगह हर-हर महादेव के जयघोष, पुष्पवर्षा और भक्ति संगीत ने माहौल को उत्सव में बदल दिया।

शोभायात्रा के समापन स्थल पर सीमा जौड़ की टीम द्वारा शामिल श्रद्धालुओं और आयोजकों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर दिलीप सिंह, संतोष अग्रवाल, कमल सिंह, पवन रचना, महेश माहेश्वरी, अशोक चौरसिया, आकाश साहनी, विवेक मेहरोत्रा, संजय अग्रवाल, दरीश बालिया और सुदेश खन्ना सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

