लखनऊ। दुनिया का सबसे बड़ा वर्टिकली इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर प्रोवाइडर अपोलो भारत में मरीजों की देखभाल में सबसे आगे रहा है और हेल्थकेयर में अंग प्रत्यारोपण क्रांति का नेतृत्व किया है। सोमवार को अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने 500 बच्चों के लिवर प्रत्यारोपण के सफल समापन की घोषणा की। अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा, अंग प्रत्यारोपण के मामले में भारत की भूमिका विश्व स्तर पर सबसे अग्रणी है। अंग प्रत्यारोपण मानव दया का एक सच्चा कार्य है और एक असाधारण चिकित्सा उपलब्धि है।
हमें गर्व है कि हमने अपोलो हॉस्पिटल्स में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, अत्याधुनिक तकनीक और बेहतरीन चिकित्सा विशेषज्ञता के साथ दुनिया के अग्रणी प्रत्यारोपण कार्यक्रमों में से एक की स्थापना की है। हम अपने रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव देखभाल और परिणाम प्रदान करने और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा, हमें इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचने पर गर्व है और इतने बच्चों और परिवारों की मदद करने में सक्षम होने पर हमें गर्व है।
पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों पर काबू पाया है। 4 किलोग्राम से कम वजन वाले छोटे बच्चों में प्रत्यारोपण, लिवर विफलता के अलावा गंभीर चिकित्सा स्थितियों वाले बच्चों और बच्चों में प्रत्यारोपण, एबीओ असंगत प्रत्यारोपण जब परिवार के पास रक्त समूह संगत दाता नहीं है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स की लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीरव गोयल ने कहा, हमारे पास अपने अत्यधिक विशिष्ट सर्जनों और चिकित्सकों के बेजोड़ तकनीकी कौशल हैं, एक ऐसा बुनियादी ढांचा जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ तुलनीय है और हमारे विश्वास से ऊपर है। मरीज जिन्हें हमने समय के साथ पाला है। अब हम शिशुओं में सबसे जटिल लिवर प्रत्यारोपण करने में सक्षम हैं।
sudha jaiswal