sudha jaiswal
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन किया। बुधवार सुबह बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के जुटने के बाद पुलिस एक्टिव हुई। हंगामे को देख पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले गई। यहां भी प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया। 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई थी। आयोग के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने माना था कि इसमें चूक हुई है। बाद में इस वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की अलग से लिस्ट जारी करके सरकार ने भर्ती करने की बात कही। इस बीच पूरा मामला कोर्ट पहुंचा, सोमवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के सिंगल जज की बेंच ने निर्णय देते हुए 6800 अभ्यर्थियों की लिस्ट खारिज कर दी।

आबीसी वर्ग के इन अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार और अफसरों की तरफ से कोर्ट में पैरवी की गई थी। जिसका नतीजा रहा कि निर्णय हमारे खिलाफ रहा। अब सरकार ढुल मूल रवैया अपना रही है। अभ्यर्थियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण तरीके से सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर पहुंचे थे। हम मंत्री से मिलकर अपनी बात रखना चाह रहे थे। मंत्री संदीप सिंह भी हमारे ही यानी डइउ वर्ग से ही जुड़े हैं। बावजूद इसके उन्होंने हम लोगों से मिलना भी मुनासिब नहीं समझा। हमें पहले यह बताया गया कि शिक्षा मंत्री वाराणसी में हैं और बाद में हमारे सामने दूसरे गेट से सुरक्षा गार्ड्स के मौजूदगी में वो निकल गए और हमारी बात सुनी तक नहीं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी मिले थे।

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में किस तरह से गड़बड़ी हुई। इसलिए सपा अभ्यर्थियों को हक दिलाने के लिए साथ खड़ी है। बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश ने 69000 सहायक शिक्षा भर्ती का आयोजन 2018 में किया था। इसमें बड़े स्तर पर ओबीसी और एससी के अभ्यर्थी हैं। राज्य पिछड़ा आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने एक वर्ष तक सुनवाई की। आरक्षण पाने में विसंगति हुई है। कई बार प्रदर्शन किया गया, लेकिन इनकी समस्या बनी हुई है। नरेश उत्तम ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ से हमारी अपील है इस मामले में संज्ञान में लेते हुए समस्या सॉल्व करवाएं।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर आप को बता दें कि अखिलेश यादव ने ट्वीट पर अपना ये बयान लिखा है
