लखनऊ। इस वर्ष 22 मार्च को होने वाले भारतीय नववर्ष (नव संवत्सर) की तैयारी जोरों से शुरू हो गई है। इसी निमित्त कपूरथला स्थित गौरांग क्लीनिक पर बुधवार को डा. गिरीश गुप्ता की अध्यक्षता में 17 बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई और कार्यकर्ताओं को उनके दायित्वों का निर्धारण किया गया। डा. गिरीश गुप्ता ने बताया कि पिछले कई वर्ष से आयोजित होने वाले इस नववर्ष पर कई घंटे तक विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। विभिन्न क्षेत्रों के आगंतुकों द्वारा भारतीय नववर्ष की महत्ता और उसके स्वरूप पर विस्तार से चर्चा कराई जाएगी।
समिति के ओम प्रकाश पांडेय ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए कहा कि यह समय पौराणिक दिन से जुड़ा हुआ है, इस दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। ऐसे में इसी दिन से नया संवत्सर शुरू होता है। अत: इस तिथि को नवसंवत्सर भी कहते हैं। बैठक में समिति के वरिष्ठ सदस्य गिरीश सिन्हा ने बताया कि जिस भारतीय तिथि पर हम सभी लोग मांगलिक कार्यों की शुरूआत करते हैं उसे सम्राट राजा विक्रमादित्य ने इसकी शुरूआत कर इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत का पहला दिन प्रारम्भ होता है। नववर्ष आयोजन के लिए जिन कार्यकर्ताओं को दायित्वों का निर्वहन करना है उनमें समिति की मुख्य संरक्षक रेखा त्रिपाठी, सचिव डा. सुनील अग्रवाल, सुमित तिवारी, अजय सक्सेना, श्याम किशोर त्रिपाठी, गोपाल प्रसाद, आनन्द पांडेय, भारत सिंह, आरएस सचदेवा, डा. संगीता शुक्ला, पुनीता अवस्थी, हेमंत कुमार, डा. निवेदिता रस्तोगी, डा. रंजना द्विवेदी, अरुण मिश्रा, विशाल मोकाटी और कमलेन्द्र मोहन प्रमुख हैं।
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