- काशी विद्यापीठ में विश्व क्षय दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शुक्रवार को इतिहास समेत अन्य विभागों में विश्व क्षय रोग दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिसको संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में पत्रकारिता विभाग के डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी दिवस मनाया जाता है। इसे तपेदिक दिवस भी कहा जाता है। टीबी की बीमारी माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस जीवाणु की वजह से होती है। इसे क्षय रोग भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है लेकिन लाइलाज नहीं है। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज करवा लिया जाए तो इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि का स्वागत इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. जया कुमारी आर्यन ने किया। संचालन डॉ. रविंद्र कुमार गौतम एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अंजना वर्मा ने किया। इस मौके पर विभाग के आचार्य प्रो. आनंद शंकर चौधरी, डॉ. गोपाल यादव, डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. वीरेंद्र प्रताप, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. अंजु सिंह, डॉ. प्रिया श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कृषि विज्ञान संकाय भैरव तालाब परिसर में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के द्वारा विश्व क्षय दिवस पर एक संगोष्ठी डॉ. ओपी सिंह प्रभारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें मुख्य रूप से डॉ. एसके सिंह यादव, डॉ. प्रेमचंद मौर्य, डॉ. निशांत सिंह, शैलेंद्र प्रताप, अमन पांडेय और विनोद सिंह आदि ने अपने उद्बोधन में क्षय रोग की पहचान और स्वास्थ्य पर किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराते हुए रोग के प्रति जागरूकता पर प्रकाश डाला। अंत में परिसर अधीक्षक डॉ. महेश श्रीवास्तव ने सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।