बिहार में जहरीली शराब से मौतें अक्सर होती रहती हैं। कहने को तो बिहार में शराब बैन है, लेकिन बिहार में शराब हर गली, नुक्कड़ पर मिल जाएगी। लाख प्रयासों के बावजूद बिहार सरकार जहरीली शारब के व्यापार को रोकने में नाकाम साबित हुई है।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई। साथ ही कईयों का अस्पताल मोतीहारी और मुजफ्फरपुर के अस्पतालों में ईलाज चल रहा है। इसमें अधिकतर की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिले के 6 गांवों के लोगों ने अलग-अलग जगहों पर गुरुवार को शराब पी थी। रात से सभी की तबियत बिगड़ने लगी। शुक्रवार की सुबह से एक के बाद एक मौतें होना शुरू हो गईं। शनिवार तक 16 मौतें हो गईं।
इस मामले के जांच के लिए पटना से एक स्पेशल टीम को मोतिहारी भेजा जा रहा है। इसमें 5 पुलिस अफसर समेत 2 DSP और 3 इंस्पेक्टर हैं। वहीं जिले के डीएम व् एसपी ने कहा है कि डायरिया-फ़ूड पाइजनिंग से मौतें हुई हैं। इस घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा – घटना दुखद है। लोगों को गलत काम नहीं करना चाहिए, बार-बार बताया जाता है।
शराब पार्टी में शामिल विनोद पासवान ने बताया कि एक परिचित व्यक्ति ने ह सभी को गेंहू काटने के लिए बालगंगा बुलाया था। वहां काम करने के बाद हमसब ने एक साथ शराब पी, फिर वहां से घर चले गए।
बिना पोस्टमार्टम 7 शवों का अंतिम संस्कार
जैसे-जैसे रात बीती, सभी की हालत बिगड़ने लगी। शुकवार की शाम तक 8 लोगों की जान चली गई। शनिवार सुबह तक यह आंकड़ा बढ़कर 16 हो गया। परिवार वालों ने 7 शवों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के ही कर दिया।