- निगम का दायरा बढ़ने से उम्मीदवारों (Nikay Chunav) को करनी होगी दोगुनी मेहनत
वाराणसी। नगर निगम का दायरा बढ़ने के बाद इस बार का निकाय चुनाव (Nikay Chunav) इतना आसान नहीं रह गया। रामनगर, फुलवरिया सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के नगर निगम में शामिल होने के बाद अब महानगर परिसीमन में 90 के स्थान पर 100 सीटों पर चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सभी राजनीतिक दल गणित लगाने में जुट गए हैं।
इस बार का निकाय चुनाव बीते चुनावों की तरह नहीं रहने वाला, क्योंकि परिसीमन में 90 के बाजाय इस बार 100 वार्डों पर चुनाव हो हरे हैं। जिसमें महापौर की सीट पर सभी राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवारों ने सोमवार तक पर्चा भी दाखिल कर दिया है। अब बारी है चुनावी अखाड़े में उतर कर जोर आजमाइश की। निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के बाद राजनीतिक दलों ने उम्मीदवारों का चयन करने में काफी विलंभ किया। नामांकन के अंतिम दिन से एक दिन पूर्व ही सत्तारूढ़ दल भाजपा ने महापौर के उम्मीदवार की घोषणा की। अब पार्टी की ओर से सभी वार्डों में पदाधिकारियों को प्रचार के लिए उतारा जा रहा है। इसमें महानगर के साथ ही जिले की इकाईयों को भी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। परिसीमन के चलते इस बार सपा, भाजपा, कांग्रेस के बीच मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। जबकि चुनावी मैदान में बसपा, आप और सुभासपा के साथ अपना दल कमेरावादी के साथ पांच अन्य मैदान में हैं।
टिकट जारी होते ही दलों के अंदर मचा घमासान
राजनीतिक दलों की ओर से टिकट जारी होने के बाद अंदरखाने विरोध के सुर उठने लगे हैं। यहां तक कि कईयों ने पार्टी से त्याग पत्र देकर निर्दल या अन्य दलों से उम्मीदवारी की है। इसकी आंच कहीं पार्टी के महापौर पद की सीट पर न आए इस लिए मान मनौवल भी किया जा रहा है। कहीं बगावती तेवर कहीं इन दलों के लिए भारी न पड़ जाए।

