Abhishek Seth
HIV एक ऐसी बीमारी है, जो किसी के लिए भी नुकसानदेह है। इस बीमारी के रोगियों की कोई जीवन प्रत्याशा नहीं होती। मरीजों में यह डर हमेशा बना रहता है कि उनका जीवन कभी भी समाप्त हो सकता है। एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है। जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। वहीँ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि HIV पॉजिटिव व्यक्ति यदि हेल्दी लाइफस्टाइल और डाईट फॉलो करे, तो वह एक सामान्य जीवन जी सकता है। वैसे इस बीमारी के लिए कोई खास डाइट प्लान नहीं है। लेकिन, ओवरआल हेल्दी डाइट वायरस के खिलाफ आपकी इम्युनिटी को बूस्ट कर देता है। इससे बॉडी का एनर्जी लेवल बढ़ेगा। शारीरिक समस्याएं कम होंगी और इन्फेक्शन से शरीर को कम नुकसान होगा।
फल और सब्जियां
फल और सब्जियों में सबसे ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। जो कि इम्युनिटी बढ़ाने में सबसे ज्यादा कारगर है। ऐसी कंडीशन में अलग-अलग तरह की सब्जियां खाएं। जिससे शरीर को अलग-अलग तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मिल सकें।

लीन प्रोटीन
लीन प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत करने और इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में काफी हेल्पफुल है। इसके लिए अपने डाइट में फ्रेश चिकन, अंडे, मछली, फलीदार सब्जियां और बादाम को शामिल करें।

नमक और शुगर
एचआईवी संक्रमित मरीज को हार्ट सम्बन्धी रोगों का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके लिए नमक और शुगर की मात्रा को अपने भोजन में लिमिटेड करना चाहिए। ज्यादा नमक या ज्यादा शुगर आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। एचआईवी के मरीज को नमक की मात्रा एक दिन में 2300 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।

हेल्दी फैट
फैट से शरीर को एनर्जी मिलती है, लेकिन इसमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है। डाइट में सिर्फ हेल्दी फैट को शामिल करें। बादाम, वेजिटेबल ऑयल और एवोकाडो में मौजूद हेल्दी फैट आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा।

साबुत अनाज
कार्ब्स से आपकी बॉडी को एनर्जी मिलती है। इसके लिए आपको ब्राउन राइस या गेहूं की रोटी खानी चाहिए। साबुत अनाज में विटामिन-बी के अलावा फाइबर भी होता है, जो शरीर में फैट बढ़ने की समस्या (लिपोडिस्ट्रॉफी) को रोकता है। एचआईवी में इसके बड़े साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
