नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट 2025 पेश किया, जिसमें डीप टेक (Deep Tech) का जिक्र खास तौर पर किया गया। सरकार इसे अगली पीढ़ी की तकनीक के रूप में देख रही है और इसके विकास के लिए पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत 10,000 फेलोशिप देने की घोषणा की गई है।
क्या डीप टेक का डीपसीक से कोई संबंध है?
कुछ लोग डीप टेक और डीपसीक (DeepSeek) के बीच संबंध को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन दोनों अलग-अलग चीजें हैं:
✔ डीपसीक एक AI चैटबॉट है, जो भाषा मॉडल पर आधारित है।
✔ डीप टेक एक उन्नत तकनीकी क्षेत्र है, जिसमें AI, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, बायोटेक, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों को शामिल किया जाता है।
👉 यानी, डीपसीक, डीप टेक का ही एक भाग है, लेकिन डीप टेक सिर्फ AI तक सीमित नहीं है।

डीप टेक (Deep Tech) क्या है?
डीप टेक एक ऐसी अत्याधुनिक तकनीक है, जो साइंस और इंजीनियरिंग के माध्यम से जटिल समस्याओं को हल करती है। इसके अंतर्गत कई तकनीकें आती हैं:
🔹 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) – मशीन लर्निंग और डेटा प्रोसेसिंग
🔹 रोबोटिक्स – ऑटोमेशन और स्मार्ट मशीनें
🔹 ब्लॉकचेन – सुरक्षित डेटा ट्रांसफर और फाइनेंस
🔹 बायोटेक्नोलॉजी – हेल्थ और जेनेटिक्स
🔹 क्वांटम कंप्यूटिंग – सुपरफास्ट कंप्यूटर और साइबर सिक्योरिटी
डीप टेक को लेकर सरकार की पहल
✅ नेक्स्ट-जेन स्टार्टअप्स: सरकार डीप टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी।
✅ AI मॉडल डेवलपमेंट: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत का अपना AI मॉडल बनाने की घोषणा की।
✅ 10,000 रिसर्च फेलोशिप: पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत टेक्नोलॉजी रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा।
✅ फंडिंग: Deep Tech Fund of Funds के जरिए स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
Highlights
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
फ्यूटर शिफ्ट लैब्स के को-फाउंडर सागर विश्नोई के मुताबिक,
“डीप टेक फंड और 10,000 फेलोशिप सरकार की अच्छी पहल है, लेकिन एआई शिक्षा के लिए 500 करोड़ का बजट काफी नहीं है। भारत को एआई में लीडर बनने के लिए और ज्यादा निवेश करने की जरूरत होगी।”