Ayodhya Ramotsav : 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में बने भव्य और दिव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इसी बीच भगवान राम के भव्य और दिव्य मंदिर में इस अनुष्ठान के लिए काशी अपनी मुख्य भूमिका निभा रहा है।
Highlights

अयोध्या के इस एतिहासिक अनुष्ठान में जुडी एक और कड़ी
जहाँ एक ओर प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त का समय काशी के ज्योतिषाचार्य गणेश्वर शास्त्री ने निकाला है। वहीं दूसरी तरफ तरफ श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा {Ayodhya Ramotsav} के समय अनुष्ठान कराने वाले ब्राह्मण और आचार्य भी काशी के हैं और इतना ही नहीं यज्ञ व अनुष्ठान के लिए पूजन सामग्री भी काशी के ही हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गयी है। इसी कड़ी में अयोध्या में होने वाले इस एतिहासिक पल में काशी के योगदानों की एक अन्य कड़ी जुड़ चुकी है।

सहस्र कलश से प्राण प्रतिष्ठा के बाद होगा रामलला का जलाभिषेक
दरसल, जब श्री राम को गर्भगृह में विराजमान किया जायेगा तो उसके बाद प्रभु श्रीराम का अभिषेक सहस्त्र कलश {Ayodhya Ramotsav} से किया जाएगा और ये सहस्र पात्र काशी के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही इस दौरान मौजूद 121 ब्राह्मण जिन पात्रों व श्रृंगी में जल लेकर भगवान श्री राम का आचमन करेंगे, वह सब बनारस की तंग गलियों में बन कर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए बनारस के एक कसेरा परिवार को 20 दिसम्बर को आर्डर दिया गया था और अब ये लोग पुरे जी जान से अपनी टीम के साथ इस कार्य में लगे हुए हैं।

पिछले पांच पीढ़ी से इस कार्य में दिखा रहा अपना हुनर
बताते चले कि वाराणसी के काशीपुरा निवासी लालू कसेरा अपने परिवार की पांचवी पीढ़ी हैं, जो तमाम धातुओं से मंदिर में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के साथ – साथ मंदिर के गर्भगृह में लगने वाले धातुओं के पत्तल पर अपनी शिल्पकारी का हुनर दिखाते हुए उसे भव्य रूप देते हैं। ऐसे में अब इन्हें इस ऐतिहासिक आयोजन {Ayodhya Ramotsav} का गवाह बनने का मौका मिला है।
सहस्त्र कलश {Ayodhya Ramotsav} में होते हैं 1008 छिद्र
लालू कसेरा ने बताया कि बीते 20 दिसम्बर को उन्हें ऑर्डर मिला कि उन्हें अयोध्या में रामजन्मभूमि पर रामलला के मन्दिर में अनुष्ठान के लिए 125 कमण्डल आचमनी पात्र और एक कटोरे जैसा पात्र बनाना है। इसके साथ ही एक अभिषेक कलश भी बना कर तैयार करनी है, जिसमे सहस्त्र कलश कहते हैं। इस कलश में 1008 छिद्र होते हैं। इसी सहस्त्र कलश से प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्री राम का अभिषेक {Ayodhya Ramotsav} किया जाएगा।

दिन-रात मेहनत कर रहा काशी का यह कसेरा परिवार
इस आर्डर के बाद यह कसेरा परिवार 24X7 कड़ी मेहनत कर तैयारियों में जुट गया है। जर्मन सिल्वर से बने पात्र कुछ तैयार हो चुके हैं, तो कुछ पर अभी काम चल रहा है। इसे तैयार करके आगामी 10 जनवरी को अयोध्या भेज दिया जाएगा। बहरहाल काशी का यह कसेरा परिवार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा {Ayodhya Ramotsav} के इस एतिहासिक पल का हिस्सा बनकर अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।