- निर्विवाद उत्तराधिकार मुहिम के तहत खतौनियों दर्ज कराया जा रहा है नाम
वाराणसी। जनपद के सभी गांवों में बीते 30 मई से आरंभ निर्विवाद उत्तराधिकार संबंधी अभियान आगामी 31 जुलाई तक जारी रहेगा। मुहिम के तहत खतौनियों में नाम दर्ज कराए जा रहे हैं। इस बारे में जारी प्रचार-प्रसार कार्य भी 15 जून तक चलेगा। 18 से 23 जुलाई तक प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार एवं एसडीएम की ओर से जिलाधिकारी को यह सर्टिफिकेट देना होगा कि राजस्व गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार का शत-प्रतिशत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। उनके इस प्रमाण-पत्र का रैंडमली सत्यापन होगा।
एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 15 जून तक तहसील स्टाफ राजस्व ग्रामों में प्रचार-प्रसार करते हुए खतौनियां पढ़ेंगे। वरासत के लिए लेखपाल प्रार्थना-पत्र प्राप्त कर ऑनलाइन फीड करेंगे। 16 जून से एक जुलाई तक ऑनलाइन विवरणों की जांच होगी। दो से 17 जुलाई तक राजस्व निरीक्षक आगे की प्रक्रिया करेंगे। उसी अवधि में राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी में दिये गये ब्योरे को भूलेख सॉफ्टवेयर में अपडेट किया जाएगा।
श्री सिंह ने बताया कि 18 से 23 जुलाई तक डीएम हरएक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार एवं एसडीएम से प्रमाण-पत्र लेंगे कि संबंधित स्टाफ के क्षेत्र में आने वाले राजस्व गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार के सभी प्रकरण दर्ज कर लिये गये हैं। अभियान के बीच में तय तिथियों में संबधित प्रगति राजस्व परिषद की वेबसाइट पर फीड किया जाएगा। मुहिम के अंत में 24 से 31 जुलाई तक जिलाधिकारी प्रत्येक तहसील के 10% राजस्व गांवों की रैंडमली जांच कराते हुए कार्य का सत्यापन कराएंगे। सात अगस्त को संपूर्ण रिपोर्ट राजस्व परिषद को भेजी जाएगी।
जमीन कानूनी वारिस के नाम होना आवश्यक
एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह ने बताया कि शासन के निदेश पर भू-अभिलेखों को अपडेट रखना राजस्व विभाग का एक महत्वपूर्ण कार्य है। वरासत के प्रकरणों में समय से कार्यवाही नहीं होने पर न सिर्फ विधिक उत्तराधिकारी अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं बल्कि अनावश्यक विवाद भी उत्पन्न होते हैं। फलस्वरूप असामाजिक तत्व और भू-माफियाओं संबंधित जमीनों पर अवैध कब्जा करने की कोशिश करते हैं। जिससे कभी-कभी कानून व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो जाती है। राजस्व अभिलेखों को अपडेट रखने के उद्देश्य से शासन ने फैसला लिया है कि राजस्व प्रशासन की ओर से निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज कराया जाय। इसी कारण बीते 30 मई से आगामी 31 जुलाई यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।