वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अपने 109वें स्थापना दिवस को पूरे पारंपरिक और भव्य तरीके से मना रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर ‘दिल्ली के राजपथ’ जैसा नजारा प्रस्तुत कर रहा है, जहां देश की विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं की झांकियां नजर आईं।

महाकुंभ की झलक और विकसित भारत की तस्वीर
इस बार की झांकियों में महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता और विकसित भारत की प्रगति को प्रमुख रूप से दर्शाया गया। संस्कृत विद्या धर्म संकाय की झांकियों में महाकुंभ के दौरान शंकराचार्य का उपदेश देने का दृश्य प्रस्तुत किया गया, जो श्रद्धालुओं और दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना।

सहायक कुलपति ने किया शुभारंभ
समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के सहायक कुलपति द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां बागेश्वरी की पूजा से हुई। इसके बाद हरि झंडी दिखाकर झांकियों को रवाना किया गया।

विभिन्न संकायों की भव्य झांकियां
- आईआईटी बीएचयू की झांकी:
- राम मंदिर, ड्रोन और विमानन तकनीक को प्रदर्शित किया गया।
- बीएचयू के विकास की यात्रा को भी झांकी में दर्शाया गया।
- संस्कृत विद्या धर्म संकाय:
- महाकुंभ के दृश्य, जिसमें शंकराचार्य का उपदेश प्रमुख आकर्षण रहा।
- बीएचयू साउथ कैंपस:
- वंदे भारत ट्रेन के मॉडल को दर्शाया गया, जो भारत की विकास यात्रा का प्रतीक है।
- शारीरिक शिक्षा विभाग:
- तिरंगा लहराकर देशभक्ति की भावना का प्रदर्शन।
- स्पोर्ट्स स्टूडेंट्स ने रस्सी कूद की कलात्मक प्रस्तुति दी।
- पर्वतारोहण केंद्र:
- पर्वतारोहण के स्टूडेंट्स ने अपनी साहसिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया।
- असम के छात्र:
- असम की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया।
- मैनेजमेंट संकाय:
- AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आधुनिक तकनीक की संभावनाओं को दर्शाया।
- KV BHU के छात्रों ने योग प्रदर्शन किया।
- छात्राओं ने महाकुंभ की थीम पर उत्साह व्यक्त किया।

लघु भारत का स्वरूप भी दिखा
इस अवसर पर बीएचयू के विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राओं ने लघु भारत का स्वरूप प्रस्तुत किया, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और आधुनिक प्रगति का संगम देखने को मिला।

मां सरस्वती की भव्य पूजा
बसंत पंचमी के इस शुभ अवसर पर मां सरस्वती की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान बीएचयू परिसर पूरी तरह भक्तिमय हो गया।

Highlights
बीएचयू की झांकियों ने दिखाया बदलता भारत
इस स्थापना दिवस पर बीएचयू ने महाकुंभ की आध्यात्मिक विरासत और आधुनिक भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को शानदार तरीके से प्रदर्शित किया। यह आयोजन छात्रों के लिए न केवल प्रेरणादायक रहा, बल्कि बीएचयू की गौरवशाली परंपरा और भविष्य की संभावनाओं को भी उजागर किया।