Bnaaras News: काशी की सूरत बदली जा रही है। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की आभा विश्वस्तर तक फैलाई जा रही है। बावजूद इसके शहर में बड़ी संख्या में भिक्षुक शहर की सूरत बिगाड़ने पर आमादा हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन के ओर से इन पर लगाम नहीं लगाई जा रही है। पिछले कुछ महीनों से प्रशासन शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन इन भिखारियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है।
चौकाघाट, अन्धरापुल, कैंट आदि क्षेत्रों [Bnaaras News] में फ्लाईओवर के नीचे इनका डेरा है। ये उसी के आसपास राहगीरों से भिक्षाटन करते हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं। फ्लाईओवर के नीचे चाहे वह खाली जगह हो, या स्मार्ट सिटी की दुकानें, इनके कारण गंदगी का माहौल बना रहता है। स्मार्ट सिटी की खाली पड़ी दुकानों में तो गन्दगी का अम्बर लगा हुआ है। इन भीख मांगने वालों में पुरुष, महिलाएं और हर उम्र के बच्चे शामिल हैं। चौकाघाट से कैंट तक इनकी भिक्षावृत्ति से लोग परेशान हो रहे हैं। ये लोग राहगीरों को अपना निशाना बनाते हैं। जब चौराहे पर राहगीरों के रुकने के दौरान ये लोग जबरन भीख मांगते हैं और न देने पर जबरदस्ती पर उतर आते हैं।

Bnaaras News: जनसंदेश टाइम्स की एक्सक्लूसिव खबर
ऐसा ही कुछ सोमवार को देखने को मिला। जब एक भिक्षुक महिला शराब के नशे में अपने बच्चे को नाटक करने और भीख मांगने की ट्रेनिंग दे रही थी। अभी तक उसका बच्चा ठीक ठाक अवस्था में था। उसकी उम्र लगभग यही कोई 6-7 वर्ष रही होगी। देखते ही देखते भिक्षुक महिला और उसका बेटा अंधरापुल रेलवे पुलिया के नीचे बैठ कर भीख मांगने लगे। जहां महिला ने पूछने पर बताया कि उसका बच्चा मर गया है। उसके लिए उसे पैसे चाहिए। इतना ही नहीं, महिला से जब शराब पीने को लेकर सवाल किया गया तो, वह भड़क गई। पुलिस को बुलाने का कहने पर उसने कहा, ‘जाओ बुला लो पुलिस को…’



इन भीखमंगों से राहगीर ही नहीं, बल्कि चौराहों पर ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक और सिविल पुलिसकर्मी [Bnaaras News] भी परेशान हैं। एक ट्रैफिक के पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इनके कारण कई बार एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ जाती हैं। बच्चे, बड़े, महिलाएं सभी भीख मांगने में माहिर हैं। ये लोग ऑटो वगैरह में लोगों के पांव पकड़कर लटक जाते हैं। जिससे दुर्घटनाओं की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन की ओर से इन पर लगाम लगाए जाते हैं, लेकिन ये कुछ दिनों बाद वापस आ जाते हैं। बनारस में इनका पूरा गिरोह सक्रिय है।
इन सभी भिक्षुकों का सबसे पहले रिहैबिलेशन कराने की आवश्यकता है। इन्हें शहर [Bnaaras News] से हटाना मात्र विकल्प नहीं है। शहर के कुछ एनजीओ का सहयोग लेकर इन सभी भिक्षुकों के रहने और खाने की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
- राजकुमार सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त, चेतगंज।