वाराणसी। यूपी में मगर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां इसके लिए कमर कस रही हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी ने यूपी में नगर निगम और नगर पालिका चुनावों में अपनी भागीदारी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं के लिए स्पष्ट सन्देश जारी किया है। सपा कार्यालय के ओर से एक फॉर्म भी जारी किया गया है, जिसमें उम्मीदवारों को कुछ जानकारियां भरनी होंगी। यह फॉर्म अब तय करेगा कि कौन सा उम्मीदवार नगर निगम में पार्षद का चुनाव लडेगा और कौन मेयर का। सीधे तौर पर कहें, तो पार्टी ने सबके लिए एक क्राईटेरिया फिक्स कर दिया है।

ये है नियम
सपा प्रदेश कार्यालय के ओर से जारी लेटर के अनुसार, नगर निगम चुनाव और मेयर के चुनाव के लिए कैंडिडेट का सपा का सदस्य होना अनिवार्य है। इसके साथ ही कैंडिडेट का समाजवादी बुलेटिन का आजीवन सदस्य बनना भी अनिवार्य है। किसी भी नए सदस्य को सपा से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है। सपा ने जिला अध्यक्ष समेत पार्टी के समस्त पदाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिया है। यह नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों पर भी लागू होगा।
आरक्षण के बाद तस्वीर साफ़
बता दें कि यूपी में नगर निकाय चुनाव (Urban Local Bodies Election) को लेकर परिसीमन के बाद आरक्षण की तस्वीर भी साफ हो गई है। इसके मुताबिक 17 नगर निगम मे मेयर पद के लिए 2 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं। इसमें 2 सीटों में एक सीट महिला के लिए रिजर्व की गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश नगर निगम में 4 सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। इसमें 2 सीटें महिला के लिए रिजर्व रखी गई हैं।