Buldozer Order: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को बुलडोजर एक्शन मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी धर्म के धार्मिक ढांचे द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाना अनिवार्य है। कोर्ट ने यह भी बताया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि अतिक्रमण हटाने से पहले रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से 10 दिन का नोटिस भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी एक समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाने का आरोप गलत है।
Buldozer Order: जस्टिस बोले – अवैध निर्माण हटाना आवश्यक
जस्टिस गवई ने कहा कि चाहे कोई भी धर्म हो, अवैध निर्माण को हटाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी पर अपराध का आरोप लगाना अकेले किसी ढांचे को गिराने का आधार नहीं हो सकता। जस्टिस विश्वनाथन ने जोर देकर कहा कि यदि दो समान अवैध निर्माण हैं और उनमें से केवल एक को गिराया जाता है, तो यह निश्चित रूप से सवाल उठाता है।