Varanasi: काशी को जाम से मुक्त कराने के लिए शहर में तेजी से रोपवे का निर्माण चल रहा है। इसी बीच सोमवार को गोदौलिया पर गिरजाघर रोपवे स्टेशन के निर्माण में बाधक बन रहे चिन्हित मकानों को सोमवार को प्रशासन की देखरेख में तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई।
गोदौलिया क्षेत्र में सोमवार को वीडीए और पुलिस बल की मौजूदगी में एक सैकड़ों साल पुराने मकान पर बुलडोजर चलाया गया। इस कार्रवाई के दौरान परियोजना प्रबंधक पूजा मिश्रा, वीडीए सचिव डॉ। वेद प्रकाश मिश्रा, एडीएम (शासन) विपिन कुमार, और एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। प्रभावित लोगों का कहना है कि वे पिछले 50 वर्षों से इन मकानों में रह रहे हैं और उनके पास मकान का पट्टा भी है। उनका आरोप है कि उन्हें लिखित में कोई नोटिस नहीं दिया गया, लेकिन मौखिक रूप से मकान खाली करने की सूचना दी गई थी।
कुछ दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन ने निर्माण के बाद दुकानें आवंटित करने का वादा किया है, लेकिन इस आश्वासन को लेकर लिखित प्रमाण नहीं मिला है। वहीं, अन्य निवासियों ने दावा किया कि उन्हें शुक्रवार को ही बताया गया था कि सोमवार को कार्रवाई की जाएगी। कुछ स्थानीय नागरिकों ने इस कार्यवाही को “जबरन” बताते हुए प्रशासन पर निशाना साधा। उनका कहना है कि मकानों और दुकानों को अचानक खाली कराकर गिराना लोगों के अधिकारों का हनन है।
VaranasiL रोपवे परियोजना का महत्व
वाराणसी में जाम की समस्या से निपटने के लिए रोपवे को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक प्रमुख हिस्सा बनाया जा रहा है। यह रोपवे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से गिरजाघर तक चलेगा। इसका उद्देश्य स्थानीय नागरिकों और काशी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम और तेज यात्रा की सुविधा प्रदान करना है।