Chetganj Ramlila Samiti: काशी के लक्खा मेले में शुमार “चेतगंज नक्कटैया” करवाचौथ के पावन पर्व पर 10 अक्टूबर, शुक्रवार को आयोजित की जाएगी। यह ऐतिहासिक परंपरा 138 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन उत्सव से पहले ही मेला क्षेत्र की दुर्व्यवस्थाओं ने समिति और श्रद्धालुओं की चिंताएं बढ़ा दी है।
श्री चेतगंज रामलीला समिति (Chetganj Ramlila Samiti) की ओर से एक प्रेस कांफ्रेस करके इन दुर्व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराया गया। चेतगंज रामलीला समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि मेला क्षेत्र की प्रमुख सड़के—लहुराबीर चौराहे से बेनियाबाग तिराहा, वंदना होटल से चेतगंज हनुमान मंदिर और पानदरीबा रोड तक—जुलूस के योग्य स्थिति में नहीं हैं। अधिकांश गलियां खुदी पड़ी हैं, जिससे श्रद्धालुओं के आवागमन में भारी दिक्कत होगी। समिति ने कहा कि यह मेला सड़कों और गलियों का मेला है, जहां ग्रामीण अंचलों से हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं।
Chetganj Ramlila Samiti: अब नहीं उठाया गया कोई ठोस कदम
वहीं चेतगंज रामलीला समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत महेंद्र गिरी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी उम्मीद थी कि जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी मेला क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे और आवश्यक सुधार करवाएंगे, लेकिन अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजू यादव रामलीला समिति ने बताया कि मेला क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जल आपूर्ति अव्यवस्थित है और बिजली कटौती से श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है। समिति (Chetganj Ramlila Samiti) ने विद्युत विभाग से आग्रह किया है कि मेला क्षेत्र को रात्रिकालीन बिजली कटौती से मुक्त रखा जाए। साथ ही, जल संस्थान और नगर निगम से पानी के टैंकर, जनरेटर और सफाई व्यवस्था की मांग की गई है।
इसके साथ ही समिति के उपाध्यक्ष तनुज पांडेय समिति ने बताया कि चेतगंज नक्कटैया मेले (Chetganj Ramlila Samiti) की शुरुआत परम पूज्य स्व। बाबा फतेहराम जी ने अंग्रेजों के अत्याचार के विरोध के रूप में की थी। उस समय उन्होंने लोकनाट्य और स्वांग के माध्यम से अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का विरोध किया। समय के साथ यह मेला सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बन गया है, जो आज भी जनसमस्याओं पर प्रकाश डालता है।
बताते चलें कि समिति ने प्रशासन से अपील की है कि नक्कटैया जैसे विश्वप्रसिद्ध मेले के लिए विशेष अनुदान दिया जाए। साथ ही उन्होंने सभी मीडिया प्रतिनिधियों से भी यह अनुरोध किया कि वे मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर यह आकलन करें कि वर्तमान परिस्थितियों में नक्कटैया जुलूस को सुरक्षित रूप से आयोजित किया जा सकता है या नहीं।