- जनपद स्तरीय कार्यक्रम 17 से 19 सितंबर तक, चयनित अव्वल प्रतिभाएं होंगी सम्मिलित
- बीते 11 सितंबर तक 34 हजार 660 कलाकारों ने की है भागीदारी, दर्शक रहे 91 हजार
- विभिन्न समाज के लोगों समेत विशिष्ट कलाकारों, संस्था-संगठनों के कार्यक्रम भी हो रहे
Cultural Festival Of Kashi : मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी लोकसभा में आयोजित हो रहे काशी सांसद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अब तक के हुए कार्यक्रमों की विधावार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन इसी कार्यक्रमों के मद्देनजर हो रहा है जिसमें विजेताओं को उनके द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। दरसल, काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों आगामी 23 सितंबर को गंजारी में प्रस्तावित जनसभा में कराने की संभावना है।

एकप्रकार से महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) का मेगा इवेंट भी वही होगा। मौके पर पीएम महोत्सव के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति देने वाले कलाकारों से मुखातिब होंगे। सिर्फ यही नहीं वह कई उदीयमान कलाकारों को सम्मानित भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में संबंधित खाका खींचा जा रहा है। इधर, न्याय पंचायत स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय और जोन स्तरीय आयोजन के बाद अब जनपद स्तरीय कार्यक्रम 17 से 19 सितंबर तक आयोजित किये जाएंगे।
जनपद में बीते एक सितंबर से चल रहे रंगारंग महोत्सव में गायन, वादन और नृत्य वी विभिन्न विधाओं समेत नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुतियां की जा रही हैं। अबतक विकास खंडों में न्याय पंचायत एवं ब्लॉक स्तर समेत शहरी इलाके में जोनवार कार्यक्रम कराये जा चुके हैं। इन सभी में कुल मिलाकर करीब 34 हजार 660 कलाकारों ने विभिन्न प्रस्तुतियों में हिस्सा लिया और उसके गवाह बने करीब 90 हजार 734 दर्शक।
जनपद के इतिहास में यह पहला अवसर (Cultural Festival Of Kashi) है जबकि दस साल की उम्र से लेकर बुजुर्ग तक ने एक निर्धारित अवधि के भीतर आयोजित किसी कार्यक्रम में इनती बड़ी संख्या में हिस्सेदारी कर गायन, वादन, नृत्य और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से अपनी-अपनी प्रतिभा दिखायी। इसकी प्रत्येक स्तर पर सराहना हो रही है। महोत्सव में भागीदारी से लिए 50 हजार 142 लोगों ने आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। इनके अतिरिक्त 220 दिव्यांग कलाकारों का भी पंजीकरण हुआ था।

दूसरी ओर, ऐसे लोगों को भी महोत्सव में मौका दिया गया जो किन्हीं कारणों से पोर्टल पर अपनी पंजीकरण नहीं करा सके थे। उन लोगों का पंजीकरण तय तिथि में कार्यक्रम स्थलों पर ही करते हुए अपना हुनर दिखाने का अवसर दिया गया। सिर्फ यही नहीं, महोत्सव के तहत नगर के प्रतिष्ठित कलाकार बीते सात सितंबर से अस्सी घाट पर कार्यक्रम पेश कर रहे हैं जो आगामी 20 सितंबर तक चलेगा।
Highlights
इधर, बंगाली, तमिल, तेलुगू, मराठी, गुजराती आदि समाज के कलाकारों की प्रस्तुतियां गत मंगलवार से पांडेय हवेली स्थित बंगाली टोला इंटर कॉलेज के मंच पर आरंभ हुआ है जो 18 सितंबर तक होगा। उधर, व्यापार मंडलों और महाविद्यालयों को अलग से अवसर दिया गया और उनके कार्यक्रम जारी हैं। इस आयोजन का नाम भले ही ‘महोत्सव’ रखा गया है लेकिन न्याय पंचायत, ब्लॉक एवं जोन स्तरीय कार्यक्रम प्रतियोगितात्मक थे। उनमें से चुनकर आने वालों को डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अपनी श्रेष्ठतम प्रस्तुति देनी होगी।
40 पार के 1400 से अधिक, कलाकार हुए शामिल
पहली सितंबर से चल रहे काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) उद्देश्य है कि छुपी हुई प्रतिभाओं को अवसर मिले और उन्हें मंच देकर प्रोत्साहित किया जाय। ताकि वह अपने हुनर को और बेहतर ढंग से निखारकर आगे बढ़ सकें। इसके लिए गायन, वादन और नृत्य की विभिन्न विधाओं सहित नुक्कड़ नाटकों में कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। आयोजन में मुख्य रूप से तीन आयु वर्ग के अंतर्गत कलाकारों की भागीदारी हो रही है।

बीते 11 सितंबर तक उनमें दस वर्ष से 18 साल की उम्र तक के कुल 27 हजार 70 लोगों ने अपनी प्रतिभा दिखायी। वहीं, 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग के तीन हजार 179 कलाकारों की हिस्सेदारी थी। जबकि 40 साल से अधिक उम्र को एक हजार 427 लोगों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। इनमें जनपद के विशिष्ट कलाकार और अधिकारी-कर्मचारी वर्ग समेत संस्था-संगठनों के आर्टिस्ट शामिल नहीं हैं। यानि कलाकारों की संख्या अबतक गिनी जा चुकी संख्या से कहीं अधिक है।
Cultural Festival Of Kashi : खर्च होंगे 3 करोड़ से अधिक
जनपद में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) जारी है। जबकि काशी सांसद खेल महोत्सव, काशी सांसद ज्ञान महोत्सव और काशी सांसद टूरिस्ट गाइड कंपटीशन आगामी दिनों होना है। सूत्रों की मानें तो सिर्फ काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के लिए लगभग एक करोड़ 78 लाख रुपये का बजट तय हुआ था लेकिन उसमें संशोधन के बाद बजट में बदलाव हुआ। महोत्सव के मेगा इवेंट के लिए सेलिब्रिटी कलाकारों को बुलाने की तैयारी थी।
वह इवेंट 24 सितंबर को प्रस्तावित था। परंतु अब बदली हुई परिस्थितियों में चर्चा है कि आगामी 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को देखते हुए गंजारी में उनकी जनसभा के दौरान महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) का समापान मेगा इवेंट के तौर पर उन्हीं के हाथों कराया जाएगा। इस कारण जिन सेलिब्रिटी कलाकारों को आमंत्रित करने की कवायद थी, उस पर विराम लगाते हुए गंजारी में पीएम के मुख्य आतिथ्य में सांस्कृतिक महोत्सव का समापन कराने की कोशिश है। इसलिए सेलिब्रिटी कलाकारों को दी जाने वाली फीस में स्वाभाविक रूप से कटौती कर दी गयी है।

जानकारों के अनुसार इस सांस्कृतिक महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) समेत काशी सांसद खेल महोत्सव, काशी सांसद ज्ञान महोत्सव और काशी सांसद टूरिस्ट गाइड कंपटीशन पर कुल मिलाकर तीन करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की उम्मीद है।
मोदी के सामने प्रस्तुति को पैरवी में जुटे ‘बड़कवा’
चर्चा है कि गंजारी में काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) के संभावित समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपनी प्रस्तुति देने के लिए जिले के कई ‘बड़कवा’ पैरवी में जुट गये हैं। जबकि मुख्य रूप से उभारती और छुपी प्रतिभाओं को बड़ा मंच देने और उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस महोत्सव की पहल की गयी है। सूत्र बताते हैं यदि आगामी 23 सितंबर को इस महोत्सव का समापन पीएम के हाथों कराया गया तो उस दौरान मोदी कई नये प्रतिभाशाली कलाकारों को प्रमाण-पत्र आदि देकर सम्मानित करेंगे।
साथ ही कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को भी प्रधानमंत्री के सामने पेश करने का प्रयास होगा। लेकिन यदि पहुंच और पैरवी के बल पर ‘बड़कवा’ लोगों को पीएम के सम्मुख कार्यक्रम प्रस्तुत करने का मौका हासिल कर लिया तो कई नये कलाकारों के कार्यक्रमों (Cultural Festival Of Kashi) में कटौती करनी होगी।

हालांकि इस बारे में निर्णय स्थानीय स्तर के बजाय उच्च स्तर पर ही होना है। उसके बावजूद जिला प्रशासन अपने स्तर पर सभी तैयारी रखेगा। ताकि यदि हाई लेवल पर इस कार्यक्रम को हरी झंडी मिली दी गयी तो कोई समस्या न हो। चर्चा यह भी है कि महोत्सव (Cultural Festival Of Kashi) के अंतर्गत अपना कार्यक्रम पेश करने के लिए कई सिद्धहस्त कलाकारों ने मानदेय की भी मांग रखी है। बनारस के ऐसे कलाकारों का रुख देखकर अफसर परेशान हैं।