Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिंदू धर्म हमेशा अहिंसा को सर्वोपरि मानता है, लेकिन जब राष्ट्र और निर्दोषों की सुरक्षा की बात आती है, तो धर्म सम्मत हिंसा भी आवश्यक हो जाती है। यह सिद्धांत ‘अहिंसा परमो धर्मः’ और ‘धर्म हिंसा तथैव चः’ दोनों का संतुलन है, जो देश के शास्त्रों में वर्णित है। मुख्यमंत्री ने यह विचार भारत सेवाश्रम संघ के सिगरा स्थित केंद्र में आयोजित दुर्गा पूजा समारोह के दौरान व्यक्त किए, जहाँ उन्होंने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना भी की और 100 महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित कीं।
मुख्यमंत्री ने दुर्गा पूजा के मौके पर सभी को शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं और कहा कि स्वामी प्रणवानंद जी महाराज, जिन्होंने भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना की, ने भी यही संदेश दिया था।

Varanasi: राष्ट्र सुरक्षा में अहिंसा और हिंसा का संतुलन
सीएम योगी ने कहा कि हिंदू धर्म अहिंसा को अपने केंद्र में रखता है और सेवाकार्य में जुटने का आह्वान करता है, लेकिन जब देश की सुरक्षा या अखंडता पर आंच आती है, तब धर्म सम्मत हिंसा की भी अनुमति है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि राष्ट्र की रक्षा और संप्रभुता के लिए यदि कदम उठाने की जरूरत पड़े, तो सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी।

“विरोध का मतलब अराजकता नहीं”
मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि विरोध जनता का अधिकार है, लेकिन इसे हिंसा, तोड़फोड़ या लूटपाट का रूप देना अस्वीकार्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी महापुरुष या धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।

“सनातन धर्म बंगाल में असुरक्षित”
मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि जिस बंगाल से जगतजननी मां भगवती की पूजा की परंपरा शुरू हुई, आज वहीं सनातन धर्म असहाय और असुरक्षित महसूस कर रहा है। यह वही बंगाल है, जिसने राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, और देश के महान सपूतों को जन्म दिया है। बंगाल की वर्तमान स्थिति पर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि जहां यूपी में त्योहार उल्लासपूर्वक मनाए जा रहे हैं, वहीं बंगाल में त्योहार मनाने के लिए लोगों को कई बार सोचना पड़ता है।

स्वामी प्रणवानंद के राष्ट्रवादी ध्येय को किया याद
सीएम योगी ने भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद की राष्ट्रवादी विचारधारा को याद करते हुए कहा कि उनका हर प्रयास हिंदू धर्म की रक्षा और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए था। स्वामी प्रणवानंद की प्रेरणा से संघ ने देशभर में सेवा और राष्ट्रवाद के कार्यों को आगे बढ़ाया है, और आने वाले वर्षों में यह संगठन अपना शताब्दी महोत्सव भी मनाने जा रहा है।
“भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए एकजुटता जरूरी”
मुख्यमंत्री ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और आने वाले तीन वर्षों में यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने परंपराओं और विरासत के प्रति गर्व की भावना को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
Highlights
इस अवसर पर भारत सेवाश्रम संघ के अध्यक्ष स्वामी पूर्ण आत्मानंद जी महाराज, महापौर अशोक तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, डॉ. नीलकंठ तिवारी और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।