वाराणसी। कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) या Eye Flu जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में ‘आँख आना’ भी कहते हैं। वाराणसी में तेजी से फैल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, यह एक पैनेडेमिक है, जो कि मौसम बदलने के साथ ही तेजी से फैल रहा है। जो भी लोग इससे प्रभावित हैं, उन्हें काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। यह रोग आँख की पुतली के सफ़ेद भाग को प्रभावित करता है।
यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बड़ी आसानी से फैलता है। यह रोग आँखों की सफाई की कमी, अस्वच्छता, बिगड़े हुए संपर्क लेंस, आदि के कारण हो सकता है। इसके अलावा कुछ डॉक्टर्स मानते हैं कि संक्रमित व्यक्ति के आंखों में भी देखने से यह रोक फैलता है। इसलिए डॉक्टर्स के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति के आंखों में देखने से बचें।
Highlights
कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के प्रकार:
1. वायरल कॉन्जंक्टिवाइटिस: यह रोग वायरस से होता है और इसमें आँखों में लालिमा और पानी बहने की समस्या होती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। जिसके बाद यह रोग आसानी से दूसरे से तीसरे और फिर चौथे व पांचवें व्यक्ति में फैलने लगता है।
2. बैक्टीरियल कॉन्जंक्टिवाइटिस: इस प्रकार का कॉन्जंक्टिवाइटिस बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और यह आँखों के भीतर लाल और पानी बहने की समस्या के साथ जुड़ा होता है।
3. एलर्जिक कॉन्जंक्टिवाइटिस: यह रोग विभिन्न एलर्जीज के कारण होता है, जैसे कि धूल, मिट्टी, पोलन, पशुओं के कत्ते आदि। इसमें आँखों की खुजली, लालिमा, और आँखों से पानी बहने की समस्या होती है।
4. रेखांकित कॉन्जंक्टिवाइटिस: इसमें आँखों के सफेद भाग पर रेखाएं बन जाती हैं, जिससे लाइट में देखने में कठिनाई होती है।

कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के लक्षण:
कॉन्जंक्टिवाइटिस के विभिन्न प्रकार के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, कुछ आम लक्षण निम्नलिखित हैं:
1. आँखों का लाल होना।
2. आँखों में जलन और खुजली का अनुभव।
3. आँखों से पानी बहने की समस्या।
4. आँखों के सफेद भाग का सूजन और लालिमा।
5. आँखों में संक्रमण के कारण आंखों का बिंदु बन जाना।
6. सुबह को आंखों में आंखों के पलकों को खोलने में कठिनाई।
7. आँखों में हल्का दर्द।

कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) से बचाव:
वैसे तो कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) जैसे संक्रमण के रोग से बचाव के लिए चिकित्सीय परामर्श की आवश्यकता है। फिर भी कुछ ऐसे स्टेप्स हैं, जिन्हें अपनाकर इनसे बचा जा सकता है। वाराणसी के प्रसिद्ध आई स्पेशलिस्ट डॉ० अनुराग टंडन के अनुसार, घर में कुछ आसान सी चीज़ें अपनाकर इसके संक्रमण को एक दूसरे में फैलने से रोका जा सकता है। हालांकि डॉ० टंडन के अनुसार, ऐसी स्थिति में घरेलु उपचार कदापि न करें।
- कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) की तीव्रता काफी तेज होती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। आंखों के इस रोग से संक्रमित होने की स्थिति में अपने मन से कोई भी दवा न लें।
- अपने आँखों को साफ़ पानी से दिन में 7-8 बार धुलें। आंखों की सफाई से काफी हद तक इससे राहत मिल सकती है।
- आँखों को स्वच्छ रखने के लिए आसपास की साफ़-सफाई का भी ध्यान रखें। धूल और कीटाणुओं के संपर्क से बचने के लिए आँखों को हमेशा स्वच्छ और सुरक्षित रखना अहम है।
- अपने हाथों को साबुन से धोना और समय-समय पर हाथों को अल्कोहल या सैनिटाइज़र से साफ़ करना बहुत महत्वपूर्ण है। आपको अपने हाथों से आँखों को छूने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आँखों को संक्रमण का खतरा हो सकता है।
- आंखों में इन्फेक्शन ज्यादा होने पर नजदीकी मेडिकल स्टोर से कोई नार्मल एंटीबायोटिक आई ड्रॉप का ही प्रयोग करें।
- इस संक्रमण में आंखों में हल्का दर्द भी होता है। ज्यादा दर्द होने पर उससे निजात पाने के लिए कोई पेन किलर ले सकते हैं।
- घर में जिसे भी इन्फेक्शन हो, उसका रुमाल, कपड़ा आदि अन्य लोगों से दूर रखें।
- अन्य लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए संक्रमित व्यक्ति आँखों पर काला चश्मा लगाए रखे। जिससे अन्य लोगों की नजर उसपर न पड़े और वे संक्रमण से बचे रहें।
- दर्द के लिए स्ट्रॉयड वाले आई ड्रॉप का प्रयोग बिल्कुल न करें। यह आँखों को नुकसान पहुंचाता है।
- यदि कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) से एक दिन में राहत न महसूस हो, तो नजदीकी आंख के डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।