अपनी अनूठी कलाकृतियों और आध्यात्मिक साधना की बदौलत प्रसिद्धि को प्राप्त हो रहे स्वर्वेद महामंदिर {Swaraveda Mahamandir} पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर दर्शन लाभ प्राप्त कर रहे हैं। अभी हाल ही में 18 दिसम्बर को देश के प्रधानमंत्री ने इस महामंदिर का लोकार्पण कर कहा कि यह स्वर्वेद महामंदिर अध्यात्म इतिहास और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
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वहीं जबसे स्वर्वेद महामंदिर {Swaraveda Mahamandir} का लोकार्पण हुआ है तबसे यहाँ श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु स्वर्वेद मंदिर पहुँचकर यहाँ की भव्यता देख रहे हैं। महामंदिर समिति के द्वारा प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन का समय निर्धारित किया गया है। इस बीच सभी श्रद्धालु व सिलानियों का रेला मंदिर का भ्रमण करने के लिए यहाँ पहुंच रहा है।
विश्व का अद्वितीय आध्यात्मिक केंद्र Swaraveda Mahamandir
स्वर्वेद महामन्दिर धाम से लाखों भक्त-शिष्यों की भावनाएँ जुड़ी हैं। स्वर्वेद महामन्दिर {Swaraveda Mahamandir} विश्व का अद्वितीय आध्यात्मिक केंद्र है। स्वर्वेद महामन्दिर धाम की दीवारों पर स्वर्वेद के समस्त दोहे, वेदों के प्रमुख मंत्र एवं सन्त वाणियाँ, सर्वश्रेष्ठ श्वेत मकराना संगमरमर पर उत्कीर्ण हैं। 80,000 वर्गफुट क्षेत्र पर बने, 180 फुट ऊँचे सप्ततलीय महामन्दिर के हर तल पर सद्गुरुदेव की संगमरमर की सुन्दर मूर्ति सुसज्जित हो रही है।

महामन्दिर {Swaraveda Mahamandir} के भीतर 404 खम्भों और 6 मंचों पर मकराना संगमरमर की जीवंत नक्काशी लगाई गई है। भीतर की छतों पर नक्काशीदार गुम्बद हैं। छत पर नक्काशीदार लकड़ी व काँच की कलाकृतियाँ भी हैं। चारों ओर विभिन्न आध्यात्मिक दृश्य सुसज्जित हैं। सामने की ओर हवादार झरोखे हैं।
महामंदिर में लगाए गए 134 आध्यात्मिक संदर्भ
महामन्दिर {Swaraveda Mahamandir} का ढाई लाख वर्गफुट फर्श भी श्वेत संगमरमर से सुसज्जित है। हर तल पर बाहरी ओर, सैण्डस्टोन से बने कुल 134 आध्यात्मिक संदर्भ लगाए गए हैं जिनमें महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संदेशों और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को चित्र के माध्यम से समझाया गया है। सबसे ऊपर के तल पर जहाँ 238 सीट वाले 2 अत्याधुनिक ऑडिटोरियम हैं, वहीं महामन्दिर के भूतल में सत्संग भवन, एवं साधना हेतु गुफाओं का निर्माण हुआ है। दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु दो कैप्सूल लिफ्ट सहित चार लिफ्ट महामन्दिर में लगाए गए हैं।
125 पंखुड़ियों वाले 9 कमलाकार गुम्बद देख लोग हुए आश्चर्यचकित
महामन्दिर के शीर्ष पर गुजरात से मंगाए, जीआरसी तकनीक से बने 125 पंखुड़ियों वाले 9 कमलाकार गुम्बद हैं। राजस्थान के बंसीपहाड़पुर से मंगाए गए 3 लाख घनफुट सुंदर गुलाबी सैण्डस्टोन की नक्काशीदार कलाकृतियों से महामन्दिर का बाहरी आवरण आच्छादित किया गया है। ये कलाकृतियाँ स्वयं में एक आध्यात्मिक संदेश दे रही हैं। बाहरी झरोखों पर 132 ऋषियों-ऋषिकाओं और साधकों की भी मूर्तियाँ लगी हैं।

महामन्दिर {Swaraveda Mahamandir} में सबसे बाहर की ओर क्रीड़ारत हाथियों और हिरनों का मनोहारी दृश्य है। विभिन्न कलाकृतियों और फव्वारों से सुसज्जित एक परिक्रमा पथ भी महामन्दिर के चारों ओर बनाया गया है। महामन्दिर का प्रांगण भी अत्यंत सुन्दर बाग के रूप में विकसित किया जा रहा है। परिसर में जल बचाने हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग और ड्रिप इरिगेशन आदि आधुनिक तकनीकों का उपयोग हुआ है।
Statue of Spirituality का निर्माण होना शेष
स्वर्वेद महामन्दिर {Swaraveda Mahamandir} धाम के परिसर में ही विहंगम योग के प्रणेता सद्गुरुदेव की 135 फुट से भी ऊँची मूर्ति का निर्माण होना है जिसे अध्यात्म की मूर्ति या Statue of Spirituality के नाम से जाना जायेगा। स्वर्वेद महामन्दिर धाम अनेक समाज-कल्याण परियोजनाओं का भी केन्द्र है। सुपूज्य सन्त प्रवर जी के जन्मोत्सव पर आयोजित रक्तसेवा-मानवसेवा शिविरों द्वारा हर वर्ष देश-विदेश में हजारों यूनिट रक्त का दान होता है।
इसके अतिरिक्त अन्य अनेक कार्य, जैसे कोरोना महामारी के समय सैकड़ों क्विंटल अन्न एवं भोजन का वितरण, प्राकृतिक आपदा राहत कार्य, वस्त्रदान आदि का केन्द्र भी हमारा यह महामन्दिर है। लगभग 400 बच्चों हेतु निःशुल्क आवासीय गुरुकुल है। गौसेवा हेतु गौशाला भी संचालित है। यह सेवा का केन्द्र है।
आध्यात्मिक अनुभवों में भी अद्वितीय होगा यह साधना केन्द्र
2,50,000 वर्गफुट कुल फ्लोर एरिया में एक साथ 20,000 साधकों की क्षमता वाला यह विशालतम साधना केन्द्र आध्यात्मिक अनुभवों में भी अद्वितीय होगा। सद्गुरु की अतिविशेष आध्यात्मिक शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव यहाँ जाने मात्र से होने लगता है। यहाँ हमारा मन अंतर्मुख होने लगता है। शुभ संस्कारों का उदय होने लगता है। चेतना ऊर्ध्व होने लगती है। और जब यहाँ जब एक साथ हजारों साधकगण स्वर्वेद से जुड़कर, विहंगम योग ध्यान साधना का अभ्यास करेंगे तो एक अद्वितीय आध्यत्मिक शक्ति का संचार होगा।

स्वर्वेद महामंदिर {Swaraveda Mahamandir} धाम विश्व के सभी वर्ग-सम्प्रदायों के जिज्ञासुओं के लिए खुला है। महामन्दिर का एक भ्रमण व्यक्ति को अध्यात्म की ज्ञान-गंगा में पूर्ण स्नान करा देने वाला होगा। मानव मन की शान्ति के द्वारा ही विश्व शान्ति संभव है। स्वर्वेद महामन्दिर धाम विश्व शान्ति का माध्यम है। स्वर्वेद महामन्दिर धाम सद्गुरुदेव के संकल्प को पूर्ण करने का माध्यम है।